भारत की खुदरा महंगाई दर नवंबर में बढ़कर तीन महीने के उच्चस्तर 5.55 फीसदी पर पहुंची

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नई दिल्ली। Retail Inflation In India:भारत की खुदरा महंगाई दर खाद्य वस्तुओं के दाम में तेजी से नवंबर में बढ़कर तीन महीने के उच्चस्तर 5.55 प्रतिशत पर पहुंच गई।खुदरा महंगाई दर में यह इजाफा खाद्य पदार्थों की कीमतों में वृद्धि के कारण हुआ है।

सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार खुदरा मुद्रास्फीति में तेजी के लिए खाद्य कीमतों में तेज वृद्धि को जिम्मेदार ठहराया गया है। उल्लेखनीय है कि नवंबर में खाद्य मुद्रास्फीति 8.70 प्रतिशत रही।

वृद्धि के बावजूद मुद्रास्फीति का नवंबर महीने का आंकड़ा भारतीय रिजर्व बैंक के 2-6 प्रतिशत के स्वीकार्य दायरे के भीतर बना हुआ है। जारी आंकड़ों के अनुसार क्रमिक आधार पर मुद्रास्फीति की दर में 0.54 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई।

सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय की ओर से जारी आंकड़ों के अनुसार खुदरा मुद्रास्फीति में तेजी के लिए खाद्य कीमतों में तेज वृद्धि को जिम्मेदार ठहराया गया है। उल्लेखनीय है कि नवंबर में खाद्य मुद्रास्फीति 8.70 प्रतिशत रही।

पिछले सप्ताह घोषित मौद्रिक नीति में आरबीआई ने 2023-24 के लिए सीपीआई मुद्रास्फीति 5.4 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया है, इसमें तीसरी तिमाही में 5.6 प्रतिशत और अंतिम तिमाही में 5.2 प्रतिशत की महंगाई दर रहने की बात कही गई है।

वृद्धि के बावजूद मुद्रास्फीति का नवंबर महीने का आंकड़ा भारतीय रिजर्व बैंक के 2-6 प्रतिशत के स्वीकार्य दायरे के भीतर बना हुआ है। जारी आंकड़ों के अनुसार क्रमिक आधार पर मुद्रास्फीति की दर में 0.54 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई।

हालांकि मुद्रास्फीति भारतीय रिजर्व बैंक के संतोषजनक दायरे में बनी हुई है, लेकिन मुद्रास्फीति में वृद्धि से केंद्रीय बैंक का काम मुश्किल हो सकता है। रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) ने अपनी हालिया मौद्रिक नीति समीक्षा में नीतिगत दरों में कोई बदलाव नहीं करने का फैसला किया है, लेकिन एमपीसी ने चेतावनी भी दी है कि जरूरत पड़ने पर वह उचित नीतिगत कदम उठाने के लिए ‘अत्यधिक सतर्क’ रहेगी।

रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास एमपीसी की बैठक में लिए गए निर्णयों की घोषणा करते हुए कहा था किएमपीसी ने नीतिगत रेपो दर को 6.50 प्रतिशत पर अपरिवर्तित रखने का फैसला किया है। लेकिन केंद्रीय बैंक अत्यधिक सतर्क है और जरूरत के मुताबिक उचित नीतिगत कदम उठाने के लिए तैयार है।

आद्योगिक उत्पादन 16 महीने के उच्च स्तर पर
सांख्यिकी और कार्यक्रम क्रियान्वयन मंत्रालय ने मंगलवार को कहा कि अक्तूबर 2023 में देश का औद्योगिक उत्पादन 16 महीने के उच्च स्तर 11.7 प्रतिशत पर पहुंच गया, जबकि एक साल पहले इसी अवधि में इसमें 4.1 प्रतिशत की गिरावट आई थी। सितंबर में इसमें 5.8 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी। फैक्टरी उत्पादन को औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (आईआईपी) के आधार पर मापा जाता है।

राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) द्वारा जारी आंकड़ों से पता चलता है कि विनिर्माण क्षेत्र का उत्पादन अक्टूबर 2023 में 10.4 प्रतिशत बढ़ा, जबकि पिछले साल इसी महीने में इसमें 5.8 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई थी। सितंबर में इसमें 4.5 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी।