Result: अशोक गहलोत राजस्थान में नहीं बदल पाए रिवाज, बीजेपी बहुमत के साथ सत्ता में वापस

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जयपुर। Rajasthan Election Result 2023: राजस्थान चुनाव के लिए काउंटिंग चल रही है। अभीतक के रुझानों में विपक्षी बीजेपी बहुमत के साथ सत्ता में वापसी करती नजर आ रही है। बीजेपी 114 सीटों पर आगे चल रही है। ताजा रुझानों के मुताबिक, सत्ताधारी कांग्रेस 68 सीटों पर आगे है।

जो रुझान सामने आ रहे हैं, उसके मुताबिक, सत्ता से कांग्रेस की विदाई हो सकती है। गहलोत राजस्थान में रिवाज बदलने में नाकामयाब रहे, लेकिन इसकी क्या वजह है आइए जानते हैं।

कांग्रेस गुटबाजी से उभर नहीं पाई। चुनाव से पहले सीएम अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच चल रही खींचतान का असर कांग्रेस कार्यकर्ताओं पर पड़ा। दोनों के बीच चल रहे मनमुटाव का जनता के बीच भी गलत मैसेज गया।

हालांकि, चुनाव के वक्त दोनों ही एकसाथ होने का संदेश देते नजर आए। वहीं सीएम फेस पर भी कांग्रेस तस्वीर साफ नहीं कर सकी। चुनाव के आखिर तक अशोक गहलोत की ओर से कहा जाता रहा कि ‘कुर्सी मुझे नहीं छोड़’ रही है।

कांग्रेस की ओर से अशोक गहलोत ही अघोषित सीएम फेस नजर आ रहे थे। ऐसे में कांग्रेस के युवा कार्यकर्ता जो सचिन पायलट के समर्थक थे, वे थोड़ा निराश नजर आए। वहीं दूसरी ओर बीजेपी ने गुटबाजी को अच्छे तरीके से हैंडल किया। बीजेपी ने गुटबाजी से निपटने के लिए सीएम फेस घोषित नहीं किया। बल्कि पार्टी के बड़े नेताओं को चुनाव मैदान में उतार दिया। इसका सकारात्मक असर आसपास की सीटों पर भी पड़ा।

राजस्थान का चुनाव प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बनाम सीएम अशोक गहलोत हो जाना भी कांग्रेस को भारी पड़ता नजर आ रहा है। बीजेपी ने कांग्रेस के जातीय जनगणना वाले दांव की काट के लिए पीएम मोदी के चेहरे पर चुनाव लड़ा। बीजेपी ने चुनाव में अपने सांसदों को उतार कर मैसेज दे दिया कि इस बार सीएम कोई भी हो सकता है। वहीं कांग्रेस का सारा दारोमदार सीएम गहलोत के कंधों पर अधिक नजर आया।

चुनाव प्रचार के लिए राहुल गांधी मैदान में उतरे तो लेकिन वह भी महज खानापूर्ति ही लगा। जबकि पीएम मोदी ने चुनाव के वक्त राज्य के हर संभाग या लगते हुए संभार में रैली कर बीजेपी के लिए माहौल बनाया। इसके चलते पूरा चुनाव धीरे-धीरे मोदी बनाम गहलोत हो गया। नतीजों में इसका लाभ भी बीजेपी को मिलता दिख रहा है।

राजस्थान चुनाव में बीजेपी ने लॉ एंड ऑर्डर को भी मुद्दा बनाया। बात चाहे महिला अपराध की हो या फिर उदयपुर के कन्हैयालाल हत्याकांड, बीजेपी ने इसे चुनाव में खूब उठाया। गहलोत सरकार के खिलाफ बीजेपी की ये रणनीति कामयाब होती नजर आ रही है। माना जा रहा है कि महिलाओं ने इस मुद्दे पर बीजेपी का साथ दिया।

अशोक गहलोत की सरकार ने चुनावी साल में राहत महंगाई कैंप लगाकर अपने पक्ष में माहौल बनाने की कोशिश की। गहलोत ने चुनाव में 7 गारंटियां लॉन्च की। चुनाव से पहले चिरंजीवी योजना की लिमिट बढ़ाकर 50 लाख करने का वादा किया। लेकिन इन सब पर पेपर लीक, लाल डायरी और भ्रष्टाचार के आरोप भारी पड़े।

राजस्थान के युवाओं ने गहलोत की गारंटियों पर भरोसा नहीं करते हुए पीएम मोदी पर भरोसा किया। माना जा रहा है कि बीजेपी अपने पक्ष में राज्य के युवा वोटर को करने में कामयाब रही।

राजस्थान में कांग्रेस की हार के पीछे एक कारण बागी भी माने जा रहे हैं। कांग्रेस के टिकट बंटवारे में कई मौजदू विधायक और पायलट समर्थकों को टिकट नहीं मिला। चुनाव में कांग्रेस के 22 बागी मैदान में थे। इन बागियों ने कांग्रेस को भारी नुकसान पहुंचाया।

इसके चलते कांग्रेस चुनाव हारती नजर आ रही है। इसके उलट बीजेपी ने अपने बागियों को मनाने की पूरी कोशिश की। कई बागी मान भी गए। इसका लाभ चुनाव के रूझानों बीजेपी को मिलता दिख रहा है।