-कृष्ण बलदेव हाडा –
कोटा। BJP and Congress candidates: राजस्थान में कोटा संभाग की 17 विधानसभा सीटों में से कांग्रेस ने अब तक 10 और भारतीय जनता पार्टी ने 14 सीटों पर अपने प्रत्याशियों के नामों की घोषणा कर चुकी है और कोटा जिले में की कांग्रेस ने सांगोद में तो भाजपा ने बारां-अटरू विधानसभा सीट पर नए चेहरे पर दांव खेला है जबकि अन्य सीटों पर भाजपा की तरह पुराने उम्मीदवारों को ही मैदान में उतरा है।
कोटा जिले में अब तक कांग्रेस ने केवल सांगोद विधनासभा सीट पर ही अपने प्रत्याशी के नाम की घोषणा की है और यहां पार्टी ने अपना प्रत्याशी भी बदला है। वर्तमान में यहां से भरत सिंह कुंदनपुर कांग्रेस के विधायक हैं जिनके इस बार चुनाव लड़ने से इनकार करने के बाद पार्टी ने देहात कांग्रेस अध्यक्ष भानु प्रताप सिंह नरूका को अपना प्रत्याशी बनाया है जो पहली बार इस विधानसभा सीट से अपना भाग्य आजमा रहे हैं।
इसके विपरीत भाजपा कोटा जिले में कोटा उत्तर और पीपल्दा को छोड़कर सभी सीटों पर अपने प्रत्याशियों के नामों की घोषणा कर चुकी है और सभी चार सीटों पर भारतीय जनता पार्टी ने इस बार भी उन्हीं प्रत्याशियों को चुनाव मैदान में उतारा है जो पिछली बार विधानसभा चुनाव में लड़े थे। इनमें कोटा दक्षिण से संदीप शर्मा, लाडपुरा से श्रीमती कल्पना देवी रामगंजमंडी से मदन दिलावर, सांगोद से हीरा लाल नागर बनाया है।
इनमें से हीरालाल नागर को छोड़कर शेष तीनों अपने क्षेत्रों से भाजपा के निर्वाचित प्रतिनिधि है। कोटा दक्षिण से पिछली बार भी संदीप शर्मा ही भाजपा के विधायक चुने गए थे जिन्होंने कांग्रेस की श्रीमती राखी गौतम को चुनाव हराया। कोटा उत्तर से अभी दोनों प्रमुख दलों के प्रत्याशियों के नाम तय होने बाकी हैं। लाडपुरा विधानसभा क्षेत्र से भाजपा ने एक बार फ़िर श्रीमती कल्पना देवी को अपना प्रत्याशी बनाया है, जो पिछले चुनाव में भी भाजपा के टिकट पर लड़कर चुनाव जीती थी जिन्होंने श्रीमती गुलनाज गुड्डू को हराया था।
इसके पहले के दो चुनाव उनके पति नईमुद्दीन गुड्डू यहां से लड़कर हार चुके हैं। वर्ष 2018 के चुनाव से पहले लाडपुरा विधानसभा क्षेत्र में तीन बार लगातार वर्ष 2003 से भाजपा के भवानी सिंह राजावत चुने गए जिन्होंने पहली बार 2003 में कांग्रेस की श्रीमती पूनम गोयल को हराया तो लगातार दो बार कांग्रेस के नईमुद्दीन गुड्डू को चुनाव हराया था। पिछला चुनाव नईमुद्दीन गुड्डू की जगह कांग्रेस ने उनकी पत्नी श्रीमती गुलनाज गुड्डू को लड़ाया और वह भी चुनाव हार गई।
रामगंजमंडी विधानसभा सीट पर एक बार फिर से भाजपा ने मदन दिलावर को अपना प्रत्याशी बनाया है जो वर्तमान में भी यहा से विधायक हैं। पिछली बार उन्होंने 12 हजार 879 मतों से से चुनाव जीता था। यह सीट पिछले तीन चुनावों में लगातार भाजपा जीतते आ रही है। वर्ष 2008 और 2013 में यहां से श्रीमती चंद्रकांता मेघवाल भाजपा के टिकट पर चुनाव जीतती रही है।
पीपल्दा विधानसभा सीट पर वर्तमान में कांग्रेस के रामनारायण मीणा विधायक है, लेकिन इस बार इस सीट पर न तो कांग्रेस ने और न ही मुख्य विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी ने अपने प्रत्याशी के नाम की घोषणा की है। वैसे इस विधानसभा सीट पर वर्ष 1998 के बाद से ही एक बार कांग्रेस तो दूसरी बार भाजपा के प्रत्याशी के जीतने की स्थिति रही है। साल 1998 में यहां से कांग्रेस के रामगोपाल बेरवा चुनाव जीते थे तो 2003 में भाजपा के प्रभु लाल चुनाव जीते, जिन्होंने राम गोपाल बैरवा को ही चुनाव हराया था।
वर्ष 2008 में पुन: कांग्रेस के प्रेमचंद चुनाव जीत गए जबकि वर्ष 2013 के चुनाव में पहली बार चुनाव लड़े भाजपा के विद्याशंकर नंदवाना चुनाव जीत गए। वर्ष 2018 में फिर बाजी पलटी और इस वर्ष कांग्रेस के रामनारायण मीणा चुनाव जीतने में सफल रहे।
बूंदी जिले में बूंदी विधानसभा सीट पर भाजपा ने एक बार फिर से अशोक डोगरा को अपना प्रत्याशी बनाया है जो लगातार चौथी बार चुनाव लड़ने जा रहे हैं। तीन बार वे चुनाव जीत चुके हैं। कांग्रेस ने भी यहां एक बार फिर से पिछले चुनाव में प्रत्याशी रहे वरिष्ठ कांग्रेस नेता हरिमोहन शर्मा को ही चुनाव मैदान में उतारा है। इसी तरह हिंडोली विधानसभा सीट पर कांग्रेस ने एक बार फिर से अशोक चांदना को टिकट दिया है जो वर्तमान में यहां से विधायक और राज्य सरकार में राज्य मंत्री हैं।
इस बार इस विधानसभा सीट पर भाजपा ने अपने प्रत्याशी को बदल दिया है और यहां से एक बार फिर से प्रभू लाल सैनी को चुनाव मैदान में उतारा है जो इसके पहले वर्ष 2008 में इस विधानसभा सीट से चुनाव जीत चुके हैं लेकिन 2013 में एक बार जीतने के बाद पिछला चुनाव उन्होंने भी बारां जिले की अंता विधानसभा सीट से लड़ा था और हार गए थे। इस बार अंता की जगह हिंडोली से ही टिकट मांगा था और उन्हें टिकट दे दिया।
पिछले विधानसभा पिछले विधानसभा चुनाव में भाजपा ने ओमेंद्र सिंह हाडा को अपना प्रत्याशी बनाया था जो इस बार चुनाव मैदान में नहीं है। केशवरायपाटन विधानसभा सीट से भाजपा ने एक बार फ़िर श्रीमती चंद्रकाता मेघवाल को अपना प्रत्याशी घोषित किया है जो वर्तमान में भी भाजपा की विधायक है। कांग्रेस ने इस बार सीएल प्रेमी को अपना प्रत्याशी बनाया है, जबकि पिछले विधानसभा चुनाव में यहां से कांग्रेस के टिकट पर राकेश बायतू चुनाव लड़े थे।
सीएल प्रेमी वर्ष 2008 में इस विधानसभा सीट से विधायक रह चुके हैं। पिछले विधानसभा चुनाव में उन्हें पार्टी ने टिकट नहीं दिया था तो उन्होंने बगावत करके निर्दलीय के रूप में चुनाव लड़ा था जिसके कारण उनके बड़ी संख्या में मत ले जाने से कांग्रेस के अधिकृत प्रत्याशी राकेश बायतू चुनाव हार गए थे।
झालावाड़ जिले में भी स्थिति यथावत ही है। यहां से भाजपा झालरापाटन को छोड़कर शेष तीनों सीटों पर अपने प्रत्याशियों के नामों की घोषणा कर चुकी है और सभी सीटों पर उन्हें ही चुनाव मैदान में उतारा है जो पिछला चुनाव जीतकर वर्तमान में अपने-अपने क्षेत्र के विधायक हैं। झालरापाटन से पूर्व मुख्यमंत्री श्रीमती वसुंधरा राजे लगातार चुनाव जीतती आ रही हैं, लेकिन कांग्रेस ने भी इस सीट पर अभी अपने प्रत्याशी के नाम की घोषणा नहीं की है।
बारां जिले में इस बार बारां-अटरू सीट पर भाजपा ने अपने प्रत्याशी के रूप में श्रीमती सारिका चौधरी को चुनाव मैदान में उतारा है, जो पहली बार विधायक का चुनाव लड़ रही हैं, लेकिन इसके पहले वे बारां जिले की जिला प्रमुख रह चुकी हैं। कांग्रेस ने इस बार भी पानाचंद मेघवाल को ही अपना प्रत्याशी बनाया है। छबड़ा विधानसभा सीट पर एक बार फिर से भाजपा के प्रताप सिंह सिंघवी और कांग्रेस के करण सिंह राठौड़ के बीच मुकाबला है।
करण सिंह राठौड़ ने इस विधानसभा सीट पर पहला चुनाव वर्ष 2008 में जीता था। जिले की किशनगंज विधानसभा सीट पर भाजपा ने एक बार फिर से ललित कुमार मीणा पर अपना दांव खेला है जो पिछला चुनाव हार गए थे। वर्तमान में यहां से कांग्रेस की श्रीमती निर्मला सहरिया विधायक हैं। ललित कुमार मीणा पूर्व में वर्ष 2013 में यहां से विधायक चुने गए थे।
जिले की अंता सीट पर कांग्रेस के प्रमोद जैन भाया का मुकाबला भाजपा के कंवर लाल मीणा से होगा जो पूर्व में झालावाड़ जिले के मनोहरथाना सीट से विधायक रह चुके हैं, लेकिन इस बार पार्टी ने उन्हें अंता से प्रत्याशी बनाया है। पिछले चुनाव में भाजपा के प्रत्याशी प्रभुलाल सैनी थे, लेकिन इस बार पार्टी ने उन्हें बूंदी जिले के हिंडोली से टिकट दिया है।