कोटा। Corruption In Railway Contract: रेलवे ठेका कार्यों में काली रेत के इस्तेमाल के मामले सामने आ रहे हैं। ताजा मामला लाखेरी स्टेशन पर सामने आया है। यहां पर ठेकेदार द्वारा 160 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से ट्रेनें चलाने के लिए ओएचई के नए खंभे गाड़े जा रहे हैं।
इतने महत्वपूर्ण काम के लिए भी ठेकेदार द्वारा काली रेत का इस्तेमाल किया जा रहा है। मौके पर देखने पर पता चला कि यह काली रेत बनास नदी की रेत में मिलकर काम में ली जा रही है। काली रेत कम में लेने के बारे में पूछे जाने पर मौके पर मौजूद ठेका कर्मचारी कोई जवाब नहीं दे सके।
पहले भी सामने आ चुका है मामला: लाखेरी में ठेकेदार द्वारा काली रेत के इस्तेमाल का यह पहला मामला नहीं है। अभो कुछ दिन पहले ही यह मामला सामने आया था। इसके बाद ठेकेदार द्वारा मौके से कालो रेत हटा ली गई थी। लेकिन मामले में अधिकारियों द्वारा कोई कार्रवाई नहीं करने से ठेकेदार ने दोबारा से काली रेत का इस्तेमाल शुरू कर दिया। सूत्रों में बताया कि ठेकेदार द्वारा बार-बार काली रेत का इस्तेमाल जिम्मेदारों की मिली भगत के बिना संभव नहीं है। क्योंकि गड्ढे में कंक्रीट के दौरान मौके पर अधिकारी या कर्मचारी का रहना जरूरी है।
रेलवे ने लगा रखी है रोक: सूत्रों ने बताया रेलवे ने ठेका कार्यों में काली रेत के इस्तेमाल पर पूरी तरह रोक लगा रखी है। इसका कारण काली रेत में मिट्टी का ज्यादा होना बताया जा रहा है। लेकिन बनारस की अपेक्षा सस्ती होने के चलते ठेकेदार काली रेत का इस्तेमाल अधिक करते हैं।