पुस्तकालय में अध्ययन कर बनाया युवाओं ने नौकरी में कॅरियर

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प्रशासनिक सेवा की अधिकारी जिज्ञासा शर्मा समेत कुल 22 प्रतिभाएं सम्मानित

कोटा। दो दिवसीय आजादी का उत्सव एवं सम्मान समारोह में राजकीय सार्वजनिक मण्डल पुस्तकालय कोटा में अध्ययन कर सरकारी और कॉर्पोरेट नौकरी पाने वाले 22 पंजीकृत सदस्यों को सम्मनित किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि एडिशनल एस.पी. पारस जैन थे। अध्यक्षता पेंशन एवं पेंशन कल्याण कोष की अतिरिक्त निदेशक डॉ. पूरवा अग्रवाल ने की।

सम्मानित होने वालो में जिज्ञासा शर्मा, निशा गुप्ता, अनिता सेजवाल, रुबीना आरा, रोहित श्रीवास्तव, कुशाल श्याल, महावीर वर्मा, पवन लववंशी, विकास मालव मनीष मीणा, दया गुप्ता, डॉ. मनीषा मुदगल, शोभित जैन, योगेश महावर, श्रीनाथ शर्मा, रिजवाना गायत्री गुर्जर, पूजा मीणा, प्रीति शर्मा, सीमा गुप्ता, मनीष कुमार नेकेला, चंद्रप्रकाश शामिल हैं।

प्रथम दिवस के द्वितीय सत्र मे प्रतिभावान सम्मानित सदस्यों का स्टोरी टेलिंग सत्र आयोजित किया गया। इस कड़ी मे कृषि व्याख्याता के पद पर चयनित श्रीनाथ शर्मा ने कहा कि वे ऐसे ग्रामीण परिवेश से आये थे कि जहां अध्ययन के उचित संसाधन नहीं थे, ना इतना धन। लेकिन पब्लिक लाइब्रेरी मे दाखिला लेते ही ऐसे लोगो से मुलाक़ात हुई कि लगने लगा कि अब सवेरा नजदीक है। विकास मालव ने कहा कि वे कोचिंग में कर्मचारी थे, लेकिन पुस्तकालय कि प्रेरणा से पहले वरिष्ठ शिक्षक, बा में व्याख्याता बने।

राजस्थान प्रशासनिक सेवा मे चयनित जिज्ञासा शर्मा ने पत्र लिखकर बताया कि जब वातावरण ही आपके अनुकूल हो तो सभी परिस्थितियां आपके अनुकुल होने लगती है। चिकित्सा के अतिरिक्त इतिहास, कला एवं संस्कृति की जानकारी काफी प्राप्त हुई। डॉ. निशा गुप्ता ने कहा कि यह पुस्तकालय सर्वांगीण विकास का केंद्र है। वे यहां आने से पूर्व कभी मंच पर नहीं बोली थी, लेकिन यहां अनेकानेक अवसर मिले, जिसका फायदा उन्हें सरकारी नौकरी के ग्रुप डिस्कशन में मिला।

शिक्षक विकास मालव ने कहा कि 7 साल प्राइवेट नौकरी करने के बाद पुस्तकालय के जरिये उन्हें सरकारी सेवा मे जाने का मौका मिला। मुख्य अतिथि पारस जैन ने सभी चयनित अभ्यर्थियों को शुभकामनाएं देते हुये कहा कि आपकी सफलता आने वाली युवा पीढ़ी का मार्ग प्रशस्त करेगी।

इस अवसर पर प्रमुख भारतीय स्वतन्त्रता सेनानियों महात्मा गांधी, सुभाष चंद्र बोस, सरदार वल्लभभाई पटेल, जवाहरलाल नेहरू, लाल बहादुर शास्त्री, भगत सिंह, दादा भाई नौरोजी, बिपिन चंद्र पाल, लाला लाजपत राय, राजा राम मोहन रॉय, तात्या टोपे, बाल गंगाधर तिलक, अशफाकउल्ला खान, नाना साहब, सुखदेव, कुंवर सिंह, मंगल पांडे, सी. राजगोपालाचारी, राम प्रसाद बिस्मिल, चंद्रशेखर आज़ाद, महिला भारतीय स्वतंत्रता सैनानी, रानी लक्ष्मीबाई, बेगम हज़रत महल, सरोजिनी नायडू, सावित्रिभाई फुले, विजयलक्ष्मी पंडित आदि की जीवनियों की पुस्तक प्रदर्शनी लगाई गई।