पीएम मोदी ने किया कोटा-बीना रेल मार्ग के दोहरीकरण का लोकार्पण

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2476 करोड़ की लागत से तैयार इस लाइन से एमपी और राजस्थान को मिलेगा फायदा

कोटा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को कोटा-बीना रेल मार्ग के दोहरीकरण के पूरा होने के प्रतीक वाली परियोजना को राष्ट्र को समर्पित किया। करीब 2476 करोड़ रुपये से अधिक की अनुमानित लागत से बनी यह परियोजना राजस्थान के कोटा और बारां जिलों और मध्य प्रदेश के गुना, अशोकनगर और सागर जिले से होकर गुजरती है। अतिरिक्त रेल लाइन बेहतर गतिशीलता की क्षमता बढ़ाएगी और मार्ग पर ट्रेन की गति में सुधार करने में मदद करेगी।

पश्चिमी मध्य रेलवे के कोटा व भोपाल रेल मंडल से जुड़े कोटा-बीना रेल मार्ग के दोहरीकरण का काम पूरा होने से कोटा रेल मंडल के 20 रेलवे स्टेशनों समेत कुल 39 स्टेशनों के लोगों को लाभ मिलेगा। दोहरीकरण के इस काम से जहां इस मार्ग पर अधिक ट्रेनों का संचालन किया जा सकेगा, वहीं ट्रेनों का समय पर संचालन होने में भी सुधार होगा। इसके अलावा मालगाड़ी (गुड्स ट्रेन) के संचालन की संख्या बढ़ने से उद्योगों को समय पर माल पहुंच सकेगा। इसके अलावा किसानों व व्यापारियों को भी सीधा लाभ मिलेगा।

कोटा बीना रेल मार्ग के दोहरीकरण का कार्य वर्ष 2012 में शुरू हुआ। उस समय प्रोजेक्ट की कीमत करीब 1415 करोड़ रुपए आंकी गई। इसके बाद समय गुजरने के साथ 11 वर्ष में प्रोजेक्ट की कीमत बढ़ती गई और 2476.43 रुपए तक पहुंच गई। योजना के तहत कोटा रेल मंडल के करीब 118 किलोमीटर व भोपाल रेल मंडल के 165 किलोमीटर के रेलमार्ग को मिलाकर कुल करीब 283 किलोमीटर लाइन का दोहरीकरण किया गया है।

इस रेल लाइन से कोटा रेल मंडल व भोपाल रेल मंडल के स्टेशन के यात्रियों को सीधा लाभ मिलेगा। दोहरीकरण के दौरान तैयार किया गया ट्रेक भी पहले ट्रेक की तरह पूरी तरह विद्युतीकृत है। ऐसे में यहां सभी ट्रेन बिजली से चलेगी। ट्रेक पर 110 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से ट्रेनों का संचालन किया जा सकेगा। इस रूट पर पहली लाइन अंग्रेजों के शासन काल में 1896-97 बनाई गई थी। इसके 126 साल बाद इस रेल मार्ग का दोहरीकरण का काम पूरा हो गया है। ट्रेक का अंतिम निर्माण कार्य कोटा जंक्शन से सोगरिया स्टेशन के बीच करीब ढाई किलोमीटर क्षेत्र में हुआ।

यात्रियों और उद्योगों को मिलेगा लाभ
रेल विकास निगम लिमिटेड की ओर से बनाए गए इस ट्रेक के दोहरीकरण से कोटा व भोपाल रेल मंडल के 39 स्टेशनों के लाखों यात्रियों को इसका लाभ तो मिलेगा ही। इसके साथ ट्रेक से कोटा, बारां, छबड़ा, कवाई में तेजी से कोयला पहुंचाया जा सकेगा। इसके अलावा राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीस गढ़, झारखंड, पश्चिमी बंगाल समेत दक्षिण भारत के रेल कनेक्टिविटी भी मजबूत होगी।

कोटा मंडल के इन स्टेशनों को मिलेगा लाभ
कोटा रेल मंडल में सोगरिया, कोटा जंक्शन, चन्द्रसल, दीगोद, श्रीकल्याणपुरा, भौंरा, अंता, बिजोरा, सुंदलक, बारां, छजावा, पिपल्दा रोड, अटरू, सालपुरा, केसौली, छबड़ा गुगोर, भूलोन, मोतीपुरा चौकी, धरनाउदा, चौड़ाखेड़ी स्टेशन के यात्रियों को लाभ मिलेगा।