भ्रष्टाचार, रिश्वतखोरी और धर्मांतरण से राजस्थान में होंगे मणिपुर जैसे हालात

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नो टीयर कीप स्माइलिंग’ संस्था राजस्थान के आदिवासी जिलों में कर रही रिपोर्ट तैयार

कोटा। No Tears Keep Smiling: भ्रष्टाचार, रिश्वतखोरी और धर्मांतरण से राजस्थान भी मणिपुर जैसे हालात की ओर बढ़ रहा है। जल्दी ही राजस्थान के शासन प्रशासन ने इस ओर संजीदगी से ध्यान नहीं दिया तो यह क्षैत्र देश विरोधी गतिविधियों का केन्द्र बन सकता है। ‘नो टीयर, कीप स्माइलिंग’ (no tear keep smiling) संस्था राजस्थान के आदिवासी जिलों में रिपोर्ट तैयार कर रही है।

संस्था की निदेशक अर्चना राजावत ने यह बात बुधवार को मिडिया के सामने रखी। उन्होंने कहा कि रिपोर्ट तैयार होने पर पीएम, सीएम और राष्ट्रपति को सौंपी जाएगी। अर्चना राजावत ने बताया कि कोटा से आदिवासी पर रिपोर्ट तैयार करने के लिए कुछ दिन के लिए बांसवाड़ा गई थी। वहां के हालात देखकर और आदिवासी समाज की स्थिति देखने के बाद वहीं रुककर सेवाकार्य करने का मन बनाया है।

यहां बच्चों को शिक्षित करने के लिए स्कूल भी शुरु किया। लेकिन सेवा की आड़ में धर्मांतरण का खेल करने वाले लोगों को यह मंजूर नहीं हुआ। इसके बाद लगातार धमकी और अपमान सहने पड़े। अर्चना ने कहा कि शिकायत करने के बाद भी स्थानीय पुलिस से लेकर जिला प्रशासन और विभिन्न संगठन भी इनके आगे बेबस हैं। जो समानांतर सत्ता चलाना चाहते हैं। अलग भील प्रदेश की मांग करने वाले लोग आदिवासियों की सेवा के लिए आने वाले किसी भी संगठन को टिकने नहीं देना चाहते हैं।

अर्चना राजावत ने कहा कि बांसवाड़ा, डूंगरपुर जिले पर समाज सुधारक और नेताओं का कोई ध्यान नहीं है। भोलेभाले आदिवासी समाज को धर्मांतरित किया जा रहा है। सरकार से मिलने वाली सहायता को भ्रष्टाचार लील रहा है। प्रधानमंत्री की योजना से बनने वाले शौचालय भी जनता तक नहीं पहुंच पा रहे। पहाड़ियों पर अवैध कब्जे हो रहे हैं। जो अवैधानिक और देश विरोधी गतिविधियों का केंद्र बन गई हैं। इन सबको लेकर जल्दी ही विस्तृत रिपोर्ट सरकार को सौंपकर इन पर अंकुश लगाने की मांग की जाएगी।

कोटा की बेटी को किया प्रताड़ित
आदिवासियों की सेवा के लिए कोटा से जाकर बांसवाड़ा रहने वाली अर्चना राजावत ने बताया कि बांसवाड़ा रहने के दौरान उन्हें प्रताड़ित किया गया। जैसे ही सेवा कार्य प्रारंभ किया मकान मालिक ने मकान खाली करने के लिए दबाव बनाना शुरू कर दिया। पूरा मकान किराए से लेने के बावजूद भी मकान मालिक रात को अपने बेटों को सोने के लिए भेज देता था। जब उन्हें ऐसा नहीं करने के लिए कहा तो उन्होंने मकान का पानी बंद कर दिया।