साहित्य परिवर्तन का इंजन और समय के समुद्र में खड़ा प्रकाशस्तंभ है

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भारतीय संविधान की प्रति का लोकार्पण एवं पठन की महत्ता पर व्याख्यान

कोटा। राजकीय सार्वजनिक मण्डल पुस्तकालय कोटा मे 19 जून से 18 जुलाई तक चल रहे राष्ट्रीय पठन मास का समापन मंगलवार को हो गया। इस कार्यक्रम में आजादी का अमृत महोत्सव के अंतर्गत आयोजित स्मरणोत्सव के तहत संस्कृति मंत्रालय के अधीन दिल्ली पब्लिक लाईब्रेरी से प्राप्त भारतीय संविधान की प्रति का लोकार्पण एवं पठन की महत्ता पर मुख्य अतिथि शशि मीणा उपनिदेशक महात्मा गांधी प्रकोष्ठ कोटा का व्याख्यान हुआ। कार्यक्रम की अध्यक्षता सेवानिवृत बैंक प्रबंधक श्रीमण एवं विशिष्ठ अतिथि नीरज शर्मा रहे।

उदघाटन सत्र मे डॉ. दीपक कुमार श्रीवास्तव संभागीय पुस्तकालयाध्यक्ष ने कहा कि अध्ययन ज्ञान का द्वार है, जो समृद्धि और दृष्टिकोण को बढ़ाती है। यह सृजनशीलता को बढ़ाती है। विचारशीलता को समृद्ध करती है और दुनिया को समझने की क्षमता देती है। पढ़ाई से व्यक्ति समझदार बनता है और सफलता की ओर प्रगति करता है।

मुख्य अतिथि शशि मीणा ने बारबरा डब्ल्यू तुचमन की बात उदृत करते हुये कहा कि किताबें सभ्यता की वाहक हैं। किताबों के बिना इतिहास मौन है। साहित्य गूंगा है, विज्ञान अपंग हैं, विचार और अटकलें स्थिर हैं। ये परिवर्तन का इंजन है, विश्व की खिड़कियां हैं, समय के समुद्र में खड़ा प्रकाशस्तंभ है। अध्ययन ही है, जो आपको जीवन मे असीम अवसर प्रदान करता है।

भारतीय संविधान की पुस्तक से रुबरू होने के लिए युवाओं में खास उत्साह देखने को मिला। इस अवसर पर अंजु मीणा, प्रिया, अपेक्षा, प्रेमलता, प्रियंका, मेघा, सुषमा, आरती, पायल, चित्रा, पूजा, लक्ष्मी, मधु, निशा, कुसुम जसवंत सिंह, जितेंद्र सिंह, दीपक नामदेव, जितेंद्र मीणा, भावेश सेनी, भवानी प्रसाद ने रीडिंग की महत्ता पर प्रकाश डाला। इस अवसर पर मुख्य अतिथि को पुस्तकालय प्रशासन द्वारा मेडल प्रदान कर सम्मानित किया। कार्यक्रम प्रबंधन रोहित नामा एवं अजय सक्सेना ने किया। आमंत्रित अतिथियों का आभार कार्यक्रम संयोजिका शशि जैन ने किया |