हल्दी के वायदा भाव जल्द ही 10 हजार पार होने के आसार

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नई दिल्ली। खरीफ सीजन में हल्दी की बोआई में कमी और मानसून में देरी के कारण हल्दी के भाव जल्द ही 10 हजार रुपये को पार कर सकते हैं। किसानों ने भी इस बार हल्दी की खेती में कम दिलचस्पी ली है।

कमोडिटी एक्सचेंज नेशनल कमोडिटी एंड डेरिवेटिव्स एक्सचेंज पर हल्दी का बेंचमार्क अगस्त कॉन्ट्रैक्ट 12 जून को 7,882 रुपये के भाव पर बंद हुआ था। आज इसने खबर लिखे जाने के समय 9,718 रुपये प्रति क्विंटल के भाव पर दिन का उच्च स्तर छू लिया।

इस तरह बीते 10 दिनों में हल्दी के भाव करीब 23 फीसदी बढ़ चुके हैं। कमोडिटी एक्सपर्ट इंद्रजीत पाल ने मानसून में देरी के कारण हल्दी उत्पादक राज्यों महाराष्ट्र, तमिलनाडु, तेलंगाना और आंध्र प्रदेश में हल्दी की बोआई में कमी आने की आशंका जताई है।

इस साल हाल की तेजी को छोड़कर किसानों को बीते महीनों में हल्दी के दाम बहुत ज्यादा दाम नहीं मिले। सरकार दलहन व तिलहन फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य में अच्छा खासा इजाफा किया है। लिहाजा किसानों की हल्दी की खेती में पहले जितनी दिलचस्पी नहीं है। यह भी हल्दी की बोआई कम होने की एक वजह है।

पॉल ने कहा कि बोआई घटने की संभावना से हल्दी के दाम बीते 10 दिनों में 20 फीसदी से ज्यादा बढ़कर 9,700 रुपये क्विंटल को पार कर चुके हैं। आईआईएफएल सिक्योरिटीज के वाइस प्रेसिडेंट व जिंस विशेषज्ञ अनुज गुप्ता कहते हैं कि हाल में बारिश से बोई जा चुकी हल्दी की फसल को कुछ नुकसान की खबर है। जिससे हल्दी की उत्पादकता में कमी आ सकती है। इससे भी हल्दी की कीमतों में तेजी को बल मिला है।

इंद्रजीत पॉल ने कहा कि जिस तरह बीते कुछ दिनों से हल्दी के भाव लगातार बढ़ रहे हैं, उसे देखते हुए हल्दी का अगस्त कॉन्ट्रैक्ट जल्द ही 10 हजार रुपये प्रति क्विंटल को पार कर सकता है। हल्दी की निर्यात मांग मजबूत बनी हुई। वर्ष 2022-23 में हल्दी का निर्यात करीब 11 फीसदी बढ़कर करीब 1.70 लाख टन हुआ था।

इस वर्ष अप्रैल में मार्च से करीब 4 फीसदी ज्यादा हल्दी निर्यात हुई। कारोबारी 80 फीसदी से ज्यादा स्टॉक निकाल चुके हैं। इस बीच कम बोआई और मजबूत मांग से आगे हल्दी की कीमतों में और तेजी देखी जा सकती है। गुप्ता का भी मानना है कि आगे हल्दी के भाव और बढ़ सकते हैं।