भगवान जगन्नाथ परिवार संग नगर भ्रमण को निकले, उमड़ा आस्था का सैलाब

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इंद्र देवता ने किया रथयात्रा का स्वागत

कोटा। भगवान जगन्नाथ के जयकारे रथ पर सवार भगवान जगन्नाथ और उनकी बहन सुभद्रा और भाई बलभद्र फूल, फल व नैवेद्य से सजा भगवान का दरबार, महर्षि पराशर व शिव भगवान व राधा कृष्ण की जीवंत झांकी। यह नजारा था मंगलवार को पारीक पंचायत द्वारा आयोजित रथयात्रा का।

पारीक पंचायत द्वारा कोटा शहर में भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा भक्ति भाव से मंगलवार को सायं 5.30 बजे निकाली गई। आस्था व भक्ति भाव से धर्मप्रेमी भगवान जगन्नाथ के रथ को खींचते नजर आऐं। प्रवक्ता राहुल पारीक ने बताया कि रथयात्रा को लेकर श्रद्धालुओं में उत्साह था। भगवान जगन्नाथ के रथ को खींचने सैकड़ों की संख्या में श्रद्धालु श्रीपुरा स्थित भगवान जगन्नाथ के मंदिर पर दोपहर से उपस्थित थे। श्रद्धालुओं ने रथ यात्रा से पूर्व भगवान के संकीर्तन में शामिल होकर भक्ति भाव से भजन गाकर उत्साह को दुगना कर दिया।

पारीक पंचायत गत 16 वर्षो से निरंतर रथयात्रा का आयोजन करती आई है। महामंत्री अशोक पारीक ने बताया कार्यक्रम में मुख्य अतिथि कोटा दक्षिण विधायक संदीप शर्मा व विशिष्ट अतिथि जिला परिषद के कार्यकारी अधिकारी ममता तिवारी, कोटा दक्षिण के महापौर राजीव अग्रवाल उपस्थित रहे।

इस अवसर पर कोशिकी पारीक ने विधायक संदीप शर्मा को अपने हाथ से बनी भगवान जगन्नाथ की तस्वीर भेट की। संरक्षक डा. केके पारीक एवं शीला पारीक का पावन सानिध्य मिला। रवि प्रकाश पारी, महामंत्री अशोक पारीक, कैलाश पारीक, रमेश शर्मा (व्यास), अनिल शर्मा, अनिल तिवारी, गोपाल शर्मा, सुरेश पारीक, सत्यनारायण पारीक, विनोद पारीक, निर्मला पारीक, अनिता पारीक, एडवोकेट कल्पना शर्मा, प्रतीक्षा पारीक तथा गणमान्य समाज बंधु उपस्थित रहे।

अध्यक्ष रास बिहारी पारीक ने बताया कि श्रीपुरा स्थित भगवान जगन्नाथ मंदिर से आयोजित रथयात्रा के पूर्व भगवान का संकीर्तन दोपहर 2 बजे किया गया। जिसमें श्रद्धालु भगवान के भक्ति भाव से ढोलक, मृदंग, ताल, हारमोनियम, तबला आदि वाद्य यंत्रों से मंदिर परिसर में संकीर्तन के लिए सामूहिक रूप से एकत्रित होकर भक्तिभाव से भजन गाये और संकीर्तन के माध्यम से लोगो ने अपनी भक्ति और अनुराग को प्रकट किया।

इस अवसर पर भगवान जगन्नाथ, बड़े भाई बलभद्र और बहिन सुभद्रा मंगलाचार के साथ स्नान के बाद वस्त्र पहनाये गए।रथयात्रा से पहले भगवान जगन्नाथ ,बलभद्र जी,व बहिन सुभद्रा का श्रृंगार फूलो से किया गया,भव्य झांकी सजाई गई । भगवान जगन्नाथ को सजाने के लिए विशेष वस्त्र,आभूषण और अन्य सामग्री का उपयोग किया गया। सम्पूर्ण मंदिर परिसर को विद्युत आभा से सुशोभित था।

अध्यक्ष रासबिहारी पारीक ने बताया कि सांय 5 बजे भक्ति भाव से भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा का आयोजन श्रीपुरा स्थित जगदीश मंदिर से किया। भगवान जगन्नाथ के जयकारों के साथ भगवान जगन्नाथ बहन सुभद्रा और भाई बलदेव के साथ नगर भ्रमण को निकलें। श्रीपुरा मंदिर से भगवान दर्शन देते हुए मोखापाडा, कैथूनीपोल पुलिस थाना, फर्नीचर मार्केट, लाल बुर्ज, गंधीजी की पुल से सुभाष सर्किल टिप्पण चौकी होते हुए मंदिर परिसर पहुंची।

शोभायात्रा में भक्तगण परम्परागत वेशभूषा में रथयात्रा से जुड़े। रथयात्रा में यात्रा में बैंड,घोड़े, ऊंट गाड़ियां बग्गियों पर राधा कृष्ण, भगवान भोले बिराजे तथा बटुक वेदपाठ करते हुए दिखे। महिलाये भजन गाती हुई रथयात्रा को खेच रही थी। पुरुष व महिलायें परम्परागत वेश भूषा में रथयात्रा में शामिल हुई। महर्षि पाराशर की भी झांकी साथ मे चल रही थी। भक्ति भजनों के साथ डीजे की धुन पर धर्म प्रेमी रथ यात्रा को खीचते हुए नजर आए।

इंद्र देवता भी रथ यात्रा के स्वागत करने आए। श्रद्धालु पूरी तरह से भीग चुके थे, परंतु उनके उत्साह में कोई कमी दर्ज नहीं की गई। रथयात्रा मंदिर परिसर में पहुँचने के उपरांत सभी श्रद्धालु महाआरती में भाग लिया।

धार्मिक महत्व रखती है रथयात्रा
विधायक संदीप शर्मा ने कहा कि आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की द्वितीया को भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा बड़ी धूमधाम से निकाली जाती है। इस उत्सव के दौरान श्रद्धालुओं का भक्ति भाव देखते ही बनता है। रथयात्रा भारत में मनाए जाने वाले धार्मिक उत्सवों में महत्वपूर्ण स्थान रखती है। भगवान श्रीकृष्ण के अवतार ‘जगन्नाथ’ की रथयात्रा का पुण्य सौ यज्ञों के बराबर माना जाता है। डॉ. केके पारीक व ममता तिवारी ने भी सभा को सम्बोधित किया।