नई दिल्ली। Stock Market Closed : अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प (Donald Trump) द्वारा रेसिप्रोकल टैरिफ की घोषणा के इन्तजार के बीच भारतीय शेयर बुधवार (2 अप्रैल) को जोरदार तेजी के साथ बंद हुआ। एचडीएफसी बैंक और आईसीआईसीआई बैंक जैसी हैवीवेट शेयरों में खरीदारी से बाजार को समर्थन मिला।
तीस शेयरों वाला बीएसई सेंसेक्स (BSE Sensex) आज 100 से ज्यादा अंक चढ़कर 76,146.28 अंक पर खुला। कारोबार के दौरान यह 76,680 अंक तक चढ़ गया था। अंत में सेंसेक्स 592.93 अंक या 0.78% की बढ़त के साथ 76,617.44 पर बंद हुआ।
इसी तरह नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) का निफ्टी-50 आज 23,192.60 अंक पर खुला। कारोबार के दौरान यह 23,350 अंक तक चढ़ा था। अंत में निफ़्टी 166.65 अंक या 0.72% चढ़कर 23,332.35 पर क्लोज हुआ।
निफ्टी रियल्टी इंडेक्स ने 3.61% चढ़ा
एनएसई पर सभी इंडेक्स में तेजी रही। इसमें निफ्टी रियल्टी इंडेक्स ने 3.61 प्रतिशत की बढ़त के साथ सबसे अधिक बढ़त दर्ज की। इसके बाद कंज्यूमर ड्यूरेबल्स, बैंक और वित्तीय सेवाएं रहीं, जिनमें 2.51 प्रतिशत तक की बढ़त दर्ज की गई।
टॉप गेनर्स
सेंसेक्स की 30 कंपनियों में 21 के शेयर हरे निशान में बंद हुए। जोमाटो (Zomato) में सबसे ज्यादा तेजी आई और यह लगभग 5% चढ़कर बंद हुआ। टाइटन, इंडसइंड बैंक, मारुति सुजुकी इंडिया और टेक महिंद्रा के शेयर भी प्रमुख रूप से लाभ में रहे।
टॉप लूजर्स
दूसरी तरफ, नेस्ले इंडिया का शेयर सबसे अधिक गिरकर बंद हुआ। एफएमसीसजी कंपनी के शेयरों में बोफा सिक्योरिटीज के रेटिंग डाउनग्रेड करने की वजह से गिरावट आई। इसके अलावा अल्ट्रा सीमेंट, बजाज फाइनेंस, पावर ग्रिड, बजाज फिनसर्व, एलएंडटी, एशियन पेंट्स, एनटीपीसी के शेयर गिरावट में बंद हुए।
शेयर बाजार में तेजी की वजह
- इंडेक्स में हैवी वेटेज रखने वाले एचडीएफसी बैंक और आईसीआईसीआई बैंक जैसे बैंकिंग और इन्फोसिस जैसी आईटी स्टॉक्स में तेजी से बाजार को समर्थन मिला। इसकी वजह सेंसेक्स चढ़कर बंद हुआ और इसका असर निफ्टी-50 पर भी देखने को मिला।
- जियोजित इन्वेस्टमेंट लिमिटेड के रिसर्च हेड विनोद नायर के अनुसार, अमेरिकी टैरिफ के बारे में मिश्रित वैश्विक संकेतों के बावजूद घरेलू बाजार में लगातार बढ़त देखी गई। यह आशावाद काफी हद तक इस उम्मीद से प्रेरित था कि टैरिफ का घरेलू अर्थव्यवस्था पर कम प्रभाव पड़ेगा।
- उन्होंने कहा कि मार्च में भारत के मेन्यूफेक्चरिंग पीएमआई ने सेंटीमेंट्स को और मजबूत किया, जो आठ महीने के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया। इससे Q4FY25 में कंपनियों की आय में सुधार का संकेत भी मिला है।