मोतीलाल नेहरू राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान का दीक्षांत समारोह
प्रयागराज। लोक सभा अध्यक्ष ओम बिरला ने आज मोतीलाल नेहरू राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान के 19वें दीक्षांत समारोह को सम्बोधित किया।
इस अवसर पर श्री बिरला ने कहा कि देश के नौजवान 21 वी सदी को भारत की सदी बनाएंगे। प्रयागराज की समृद्ध विरासत की सराहना करते हुए श्री बिरला ने कहा कि गंगा, यमुना और सरस्वती के संगम पर स्थित प्रयागराज सभ्यता के प्रारम्भ से ही विद्या, ज्ञान और लेखन का गढ़ रहा है।
उन्होंने कहा कि प्रयागराज भारत का सबसे जीवंत बौद्धिक, राजनीतिक और आध्यात्मिक रूप से जागरूक शहर है। श्री बिरला ने महान ऋषि भारद्वाज, ऋषि दुर्वासा और ऋषि पन्ना की ज्ञानस्थली प्रयागराज को नमन करते हुए प्रसन्नता व्यक्त की।
मोतीलाल नेहरू राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (एमएनएनआईटी) की उत्कृष्ट विरासत का उल्लेख करते हुए श्री बिरला ने कहा कि यह संस्थान प्रौद्योगिकी और नवाचार से समाज और मानवता के कल्याण के लिए समर्पित रहा है। उन्होंने कहा कि सूचना और प्रौद्योगिकी के इस युग में भारत के युवा देश विदेश में अपने कार्य से देश और सम्पूर्ण विश्व के विकास में अपना योगदान दे रहे हैं।
श्री बिरला ने कहा कि भारत के युवा आज नए इनोवेशन के साथ स्टार्ट अप्स शुरू कर रहे हैं तथा समाज की चुनौतियों का समाधान खोज रहे हैं। आज पूरी दुनिया वैश्विक चुनौतियों के समाधान हेतु भारत की ओर देख रही है।
उन्होंने कहा कि आज के युवा जॉब सीकर से जॉब क्रियेटर बन रहे हैं, जिसके कारण देश प्रगति के पथ पर अग्रसर है। श्री बिरला ने ज़ोर देकर कहा कि भारत के युवा अपनी बौद्धिक क्षमता, कार्यकुशलता, नवाचार और संस्कारों के आधार पर पूरे विश्व में नेतृत्व दे रहे है।
कोविड काल में देश के योगदान का उल्लेख करते हुए श्री बिरला ने कहा कि आपदा, संकट के समय भारत ने विश्व को नेतृत्व दिया है। उन्होंने आगे कहा कि वैश्विक महामारी के विरुद्ध भारत के प्रयासों की दुनिया के कई देशों ने सराहना की है। इस उपलब्धि का श्रेय श्री बिरला ने भारत के ऊर्जावान युवाओं को दिया।
उभरती हुई चुनौतियों के सन्दर्भ में श्री बिरला ने कहा कि जल वायु परिवर्तन, शिक्षा, रोजगार, स्वास्थ्य, अंतरिक्ष, सुरक्षा, खेती, मजदूरी, जैसे विस्तृत क्षेत्रों की समस्याओं के समाधान आज के युवाओं को खोजने होंगे और इसके लिए युवाओं के बीच विज़न होना चाहिए।
उन्होंने कहा कि बदलते परिपेक्ष्य में भारत इनोवेशन और रिसर्च का केंद्र बन गया है। श्री बिरला ने हर्ष व्यक्त करते हुए कहा कि आज भारत आत्मनिर्भरता की नई पहचान है और विश्व में स्टार्ट अप्स की राजधानी के रूप में जाने जाना जाता है।
श्री बिरला ने आगे कहा कि लोकतंत्र, विशालता, विविधता और संस्कार देश की ताकत है। उन्होंने विचार व्यक्त किया कि अध्यात्म और संस्कृति के आधार पर विश्व को साथ लेकर चलना भारत की विशेषता है।
बिरला ने कहा कि अमृत काल में यह दायित्व देश के युवाओं के ऊपर है। उन्होंने कहा कि भारत का भविष्य उसके युवा आज तय करेंगे। अगले 25 साल में भारत दुनिया के शिखर पर तभी पहुंचेगा जब देश हर सेक्टर में आगे बढ़ें, और इस दिशा में नौजवानों को नेतृत्व करना है।