कोटा। विश्व स्वास्थ्य दिवस पर राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित संवेदना सेवा समिति के संस्थापक डॉ. आरसी साहनी ने श्रमिकों से नशा मुक्ति के लिए जागरूकता का आव्हान किया।
केशवपुरा फ्लाईओवर के नीचे सुबह श्रमिकों को संबोधित करते हुए चित्रों के माध्यम से नशे के भयंकर परिणामों से सावचेत करते हुए कहा कि यूनाईटेड नेशन्स के सर्वे के अनुसार भारत में नशा करने वालों की संख्या में 30 प्रतिशत वृद्धि हुई है, जो कि इनमें से 80 प्रतिशत से अधिक किशोर अवस्था के हैं।
समस्या की जड़ पर प्रहार करने के लिए नई पीढ़ी को बचाना आवश्यक है। कैंसर, टीवी, दमा, लकवा आदि के पीड़ित रोगियों की अंतिम इच्छा व दास्तान को बयान करते हुए उनके पश्चाताप का दर्द भरे शब्दों में जाहिर किया गया।
अनेक युवाओं ने जेब ने बीड़ी, सिगरेट, गुटखा, जर्दा निकाल कर फैलाई हुई झोली में फेंका तथा नशा त्यागने की शपथ ली। नई पीढ़ी के लिए कवच बन कर सुरक्षा करने का जिम्मा भी लिया। इस अवसर पर श्रमिकों ने भी अपने कटु अनुभव साझा किए। समिति की मुख्य सचेतक अंकिता अग्रवाल ने नशा मुक्ति संबंधी साहित्य का वितरण किया।