कोटा। आजकल काफी तादाद में खाद्य तेलों में पाम ऑयल (ताड़ का तेल) की मिलावट की जा रही है। इस वेजिटेबल ऑयल का खाने के अलावा कॉस्मेटिक प्रॉडक्ट में भी काफी इस्तेमाल किया जाता है। हालांकि कई जगह हलवाई लोग इसका इस्तेमाल खाना पकाने में भी करते हैं।
ये एक खास कुकिंग ऑयल है, जो पाम (ताड़) के पेड़ से निकलने वाले फल से बनाया जाता है। इस पेड़ को सबसे ज्यादा इंडोनेशिया और मलेशिया में उगाया जाता है। ताड़ के तेल को परिष्कृत करना बहुत मुश्किल होता है, इसलिए इसे पचाना थोड़ा मुश्किल होता है लेकिन संतुलित मात्रा में इसका सेवन करके हम इस तेल से होने वाले फायदे पा सकते है। बिना प्रॉसेसिंग के रेड पाम ऑयल गहरे लाल रंग का होता है। इसका कारण है इसमें मौजूद खास बीटा-कैरोटीन, जो सेहत के लिए बहुत फायदेमंद माना जाता है।
क्यों फायदेमंद माना जाता है रेड पाम ऑयल
रेड पाम ऑयल में 50% सैचुरेटेड फैटी एसिड होते हैं, 40% अनसैचुरेटेड फैटी एसिड होते हैं और 10% पॉलीसैचुरेटेड फैटी एसिड्स होते हैं। यही कारण है कि इस तेल में कैलोरीज थोड़ी ज्यादा होती हैं लेकिन ये सेहत के लिए बहुत फायदेमंद होता है। 1 चम्मच रेड पाम ऑयल (लगभग 14 ग्राम) में 126 कैलोरीज होती हैं। इसके बाद भी इस तेल को फायदेमंद माना जाता है क्योंकि इसमें अल्फा कैरोटीन, बीटा कैरोटीन और लाइकोपीन होता है। इसके अलावा इस तेल में स्टेरॉल्स (Sterols) और विटामिन ई की मात्रा भी अच्छी होती है। विटामिन ई के कारण इसे कुकिंग के साथ-साथ स्किन केयर के लिए भी अच्छा माना जाता है। आइये जानते हैं इस तेल के खाने के फायदे –
कैंसर के उपचार में: कैंसर जैसे गंभीर बीमारियों के उपचार में ताड़ के तेल की सकारात्मक भूमिका दिखाई पड़ती है, इस तेल में टेकोफेरोल नाम का एक तत्त्व पाया जाता है, जो विटामिन ए का ही एक रूप होता है। ये प्राकृतिक एंटीऑक्सिडेंट के रूप में काम करता है। जो मुक्त कणों को नष्ट करने वाला ये एक शक्तिशाली रक्षात्मक यौगिक है। इससे कैंसर की कोशिकाओं के विकास में मदद मिलती है। ताड़ के तेल का नियमित सेवन आपको कैंसर के खतरे से बचा सकता है।
आंखों के लिए: इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट आंखों के स्वास्थ्य के लिए बेहद आवश्यक होते हैं। इसके अलावा एंटीऑक्सिडेंट्स मुक्त कणों को नष्ट करके भी आंखों से सम्बंधित कुछ समस्याओं का निदान करते हैं।
गर्भावस्था में: गर्भावस्था के दौरान महिलाओं के शरीर में कई तरह के परिवर्तन होने लगते हैं। उन्हें पोषक तत्वों की जबरदस्त आवश्यकता होती है। ताड़ के तेल में विटामिन ए, डी, और ई पाया जाता है. ये सभी विटामिन उन दोनों के काम आती है, इसलिए गर्भावस्था के दौरान इसका इस्तेमाल करना चाहिए।
ऊर्जा बढ़ाने में: पाम ऑयल में पाया जाने वाले तमाम पोषक पदार्थों में से एक बीटा कैरोटिन भी है। ताड़ के तेल का रंग लाल या नारंगी इसके कारण ही होता है। ये शरीर के ऊर्जा स्तर को सुधार करने और हार्मोनल संतुलन बढ़ाने का काम करता है।
कोलेस्ट्रॉल स्तर: पाम ऑयल में एचडीएल और एलडीएल कोलेस्ट्रॉल की अच्छी मात्रा होती है। इससे शरीर में कोलेस्ट्रॉल का स्तर संतुलित बना रहता है, जिससे आपका कार्डियोवेस्कुर सिस्टम बेहतर तरीके से काम करने में सक्षम हो पाता है। कोलेस्ट्राल में संतुलन बनाकर ये ह्रदय से सम्बंधित समस्याओं को रोकता है। इसे एक सीमित मात्रा में ही खाना चाहिए।
रेड पाम ऑयल के फायदे
- इसके सेवन से कोलेस्ट्रॉल घटता है।
- हार्ट की बीमारियों का खतरा कम होता है।
- मस्तिष्क के लिए फायदेमंद है और ब्रेन फंक्शन को बढ़ाता है।
- बीटा-कैरोटीन होने के कारण शरीर में विटामिन A के अवशोषण को बढ़ाता है।
- ऑक्सिडेटिव स्ट्रेस कम करता है, जिससे व्यक्ति को कई गंभीर बीमारियों से बचाव मिलता है।
- त्वचा और बालों के लिए बहुत फायदेमंद है क्योंकि इसमें विटामिन ई होता है।
पाम ऑयल खाने के नुकसान
- ताड़ के तेल का आधिक मात्रा में सेवन करने से ह्रदय से संबंधित समस्याओं में वृद्धि हो सकता है।
- किसी व्यक्ति में ये उच्च रक्तचाप से संबंधित समस्या भी उत्पन्न कर सकती है।
- इसे पचाने में भी बहुत मुश्किल आती है। इसलिए कमजोर पाचन वाले व्यक्ति इसके इस्तेमाल से बचें।
- पाम ऑयल में उच्च संतृप्त वसा की मात्रा दूसरे तेलों से कहीं ज्यादा होती है।
- इसकी मिलावट वाले तेल को रोज खाने से दिल की बीमारियों की आशंका कई गुना बढ़ जाती है।
- लिवर और किडनी पर भी बुरा असर पड़ता है।