जीडीपी के आंकड़ों और विदेशी कोषों के रुख से तय होगी इस सप्ताह बाजार की चाल

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मुंबई। शेयर बाजारों की दिशा इस सप्ताह वैश्विक रुझान, घरेलू मोर्चे पर सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के आंकड़ों तथा विदेशी कोषों के रुख से तय होगी। विश्लेषकों ने यह राय जताई है। इसके अलावा विनिर्माण और सेवा क्षेत्र के लिए क्रय प्रबंधक सूचकांक (पीएमआई) के आंकड़े और वाहन बिक्री के मासिक आंकड़े भी बाजार की दिशा को प्रभावित करेंगे।

महंगाई की चिंता के बीच अमेरिकी केंद्रीय बैंक द्वारा ब्याज दरों में और बढ़ोतरी की आशंका से बीते सप्ताह बीएसई का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स 1,538.64 अंक या 2.52 प्रतिशत नीचे आया। स्वस्तिका इन्वेस्टमार्ट के शोध प्रमुख संतोष मीणा ने कहा, ‘‘बाजार की निगाह अमेरिका में बॉन्ड पर प्रतिफल तथा डॉलर सूचकांक के साथ वैश्विक रुझानों पर रहेगी। 2023 की पहली छमाही में बाजार की दृष्टि से अमेरिका में ब्याज दरों का परिदृश्य काफी महत्वपूर्ण रहेगा।’’

मीणा ने कहा, ‘‘बाजार अभी भू-राजनीतिक स्थिति पर अधिक प्रतिक्रिया नहीं दे रहा है, लेकिन कोई भी अप्रत्याशित घटनाक्रम-सकारात्मक या नकारात्मक-बाजार के लिए महत्वपूर्ण रहेगा। घरेलू स्तर पर इस सप्ताह हमारे लिए चौथी तिमाही के जीडीपी आंकड़े और वाहन बिक्री के मासिक आंकड़े महत्वपूर्ण रहेंगे।’’

ब्रेंट कच्चे तेल की चाल और रुपये-डॉलर का उतार-चढ़ाव भी बाजार के लिए महत्वपूर्ण रहेगा। कोटक सिक्योरिटीज लिमिटेड के डिप्टी वाइस प्रेसिडेंट (तकनीकी शोध) अमोल अठावले ने कहा, ‘‘बाजार में यदा-कदा सुस्ती का दौर आ सकता है क्योंकि कई नकारात्मक कारकों की वजह से निवेशक अपनी पोर्टफोलियो में कमी कर सकते हैं।’’

रेलिगेयर ब्रोकिंग के उपाध्यक्ष तकनीकी शोध अजित मिश्रा ने कहा, ‘‘नए माह की शुरुआत के साथ निवेशकों की निगाह महत्वपूर्ण वृहद आर्थिक आंकड़ों पर रहेगी। जीडीपी और बुनियादी क्षेत्र के आंकड़े 28 फरवरी को आएंगे। इसके अलावा पीएमआई विनिर्माण और सेवा क्षेत्र के आंकड़े क्रमश: एक मार्च और तीन मार्च को आएंगे। मिश्रा ने कहा कि वाहन बिक्री के मासिक आंकड़े एक मार्च को आएंगे।

घरेलू आंकड़ों के साथ वैश्विक बाजार का प्रदर्शन, कच्चे तेल के दाम और रुपये का उतार-चढ़ाव भी बाजार के लिए महत्वपूर्ण रहेगा।

जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा कि अमेरिका और रूस के बीच ‘शीत युद्ध’ फिर शुरू होने के बीच बाजार में तमाम तरह की आशंकाएं पैदा हुई हैं। नायर ने कहा, ‘‘हालांकि, इसका अल्पकालिक असर होगा। लेकिन रूस पर प्रतिबंधों से खाद्य और तेल निर्यात पर पड़ने वाले असर को लेकर चिंता बनी हुई है।’’