राजकोषीय घाटे को बढाने वाला चुनावी बजट: राजेश बिरला

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कोटा। राज्य बजट पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए सहकार नेता राजेश कृष्ण बिरला ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा अंतिम बजट को केवल कागजी घोषणाओं से भरा ऐसा बजट बताया है, जिसकी धरातल पर कोई विश्वसनीयता, जवाबदेही और गारंटी नहीं है।

उन्होंने कहा कि बजट से पहले ही बड़े बड़े बैनर लगाकर बचत, बढ़त और राहत का नारा देने के पश्चात चुनावी चाशनीयुक्त प्रस्तुत इस बजट में घोषणाओं के क्रियान्वयन के लिए किसी भी प्रकार के बजटीय प्रबंधन का प्रावधान नहीं किया गया है। उन्होंने वास्तविकता से परे चुनावी छाया वाला आंकड़ों की जादूगरी से भरा बजट बताया है। सहकारिता क्षेत्र के लिए बजट में विशेष प्रावधान नहीं किए गएहैं। मात्र आंकड़ों के जाल में लोगों को उलझाने का प्रयास किया गया है।

यह थोथी घोषणा व आगामी चुनाव के मद्देनजर केवल कागजी बजट है। इनसे जनता का कोई भला होने वाला नहीं है। पिछले चुनाव की घोषणाएं अभी तक पूर्ण नहीं हुई, लेकिन फिर नई -नई घोषणाओं का अंबार लगा दिया है। उनके लिए धन की व्यवस्था कैसे हो जिसका कोई स्त्रोत नहीं बताया गया है। इससे पता चलता है कि यह केवल चुनावी बजट है जो एक बार पुनः जनता को भ्रमित करके वोट बटोरने के लिए आंकड़ो का खेल है। जनता समझ चुकी है, इस बजट से कोटा क्षेत्र की जनता को भारी निराशा हुई है।