नई दिल्ली। एफसीआई द्वारा गेहूं को खुले बाजार में बेचने से इसकी कीमतें एक सप्ताह में 10 फीसदी से अधिक गिर गई हैं। सरकार ने शुक्रवार को कहा, भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) ने इस सप्ताह ई-नीलामी के पहले दो दिनों में थोक उपयोगकर्ताओं को 2,474 रुपये प्रति क्विंटल की औसत दर से 9.2 लाख टन गेहूं बेचा है। हाल ही में केंद्र ने ओपन मार्केट सेल स्कीम (ओएमएसएस) के तहत खुले बाजार में बफर स्टॉक से 30 लाख टन गेहूं उतारने का फैसला किया है।
उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय के अनुसार, 2 फरवरी को गेहूं का औसत खुदरा मूल्य 33.47 रुपये प्रति किलोग्राम था। गेहूं के आटे की कीमत 38.1 रुपये प्रति किलो थी। एक साल पहले इसी समय गेहूं व आटे का औसत खुदरा मूल्य क्रमशः 28.11 रुपये और 31.14 रुपये प्रति किलोग्राम था।
खाद्य मंत्रालय ने कहा, ई-नीलामी का असर गेहूं की कीमतों पर दिख रहा है। उधर, एफसीआई ने पहले ही देशभर में थोक ग्राहकों को 25 लाख टन गेहूं की बिक्री शुरू कर दी है। एक और दो फरवरी को ई-नीलामी से गेहूं बेचकर 2,290 करोड़ रुपये जुटाए गए। 23 राज्यों में हुई ई-नीलामी में 1,150 से अधिक बोलीदाताओं ने भाग लिया।
हर बुधवार को होगी ई-नीलामी: एफसीआई की योजना 15 मार्च तक गेहूं की बिक्री के लिए हर बुधवार को साप्ताहिक ई-नीलामी आयोजित करने की है। सरकार ने कहा, छोटे व मध्यम आटा मिलों और व्यापारियों ने नीलामी में सक्रिय रूप से भाग लिया, क्योंकि 100 से 499 टन की सीमा में अधिक मांग थी। एक बार में 3,000 टन की अधिक मात्रा के लिए केवल 27 बोलियां प्राप्त हुईं।
विदेशी मुद्रा भंडार में 3.03 अरब डॉलर का इजाफा: देश का विदेशी मुद्रा भंडार लगातार तीसरे सप्ताह बढ़ा है। 27 जनवरी को समाप्त सप्ताह में यह 3.03 अरब डॉलर बढ़कर 576.76 अरब डॉलर पहुंच गया। अक्तूबर, 2021 में देश का विदेशी मुद्रा रिकॉर्ड 645 अरब डॉलर था। आरबीआई के मुताबिक, विदेशी मुद्रा संपत्ति 2.66 अरब डॉलर बढ़कर 509.018 अरब डॉलर पहुंच गई। सोने के भंडार में 31.6 करोड़ डॉलर की वृद्धि दर्ज की गई है।
सेवा क्षेत्र की गतिविधियों में गिरावट
देश के सेवा क्षेत्र की गतिविधियों में दिसंबर, 2022 में छह महीने की सबसे तेज वृद्धि के बाद जनवरी, 2023 में गिरावट देखने को मिली। उत्पादन एवं बिक्री में बढ़ोतरी की धीमी रफ्तार और भविष्य के परिदृश्य को लेकर सेवा प्रदाताओं में कमजोर भरोसे से रोजगार सृजन प्रभावित हुआ।
एसएंडपी ग्लोबल इंडिया का सेवा पीएमआई कारोबारी गतिविधि सूचकांक दिसंबर, 2022 के 58.5 से घटकर जनवरी में 57.2 पर आ गया। दिसंबर की तुलना में नरमी के बाद भी सेवा खरीद प्रबंधक सूचकांक (पीएमआई) लंबे समय के औसत 53.5 से ऊपर रहा। इसकी वजह मांग की अनुकूल परिस्थितियां और नए कार्यों में वृद्धि है। सेवा पीएमआई 18वें महीने भी 50 अंक से अधिक है। एसएंडपी ग्लोबल की पॉलियाना डी लीमा ने कहा कि इस साल की शुरुआत में पूरे सेवा क्षेत्र में वृद्धि दर थोड़ी घटी है।