विधानसभा की कार्रवाई हंगामे के कारण कल तक के लिए स्थगित
जयपुर। विधानसभा के बजट सत्र की शुरूआत सोमवार को हंगामे के साथ हुए । भाजपा विधायकों ने इतना हंगामा किया कि राज्यपाल ने अभिभाषण बीच में छोड़ दिया और उठकर चले गए। दोबारा सदन की कार्यवाही शुरू होने पर भी हंगामा जारी रहा तो स्पीकर डॉ. सीपी जोशी ने आरएलपी के तीन विधायकों को एक दिन के लिए सदन से निष्कासित कर दिया। बाद में विधानसभा की कार्रवाई हंगामे के कारण कल तक के लिए स्थगित कर दी गई।
सदन में राज्यपाल का अभिभाषण शुरू होते ही बीजेपी विधायकों ने पेपर लीक का मुद्दा उठाते हुए हंगामा शुरू कर दिया। जैसे ही राज्यपाल ने अभिभाषण पढ़ना शुरू किया नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया खड़े हो गए।
कटारिया ने कहा कि राजस्थान में लगातार परीक्षाओं के पेपर लीक हो रहे हैं। युवाओं के भविष्य से खिलवाड़ हो रहा है। आप पर संविधान की रक्षा का दायित्व है, ऐसे कैसे चलेगा। इसके बाद बीजेपी विधायकों ने वेल में आकर नारेबाजी और हंगामा शुरू कर दिया।
बीजपी विधायकों ने पेपरलीक मामले की सीबीआई जांच की मांग करते हुए तख्तियां लहराई। राज्यपाल ने 21 मिनट तक विपक्ष के हंगामे के बीच अभिभाषण पढ़ना शुरू किया, लेकिन हंगामे के कारण वे इसे पूरा नहीं पढ़ पाए और इसे बीच में ही छोड़ दिया। राज्यपाल का अभिभाषण को पढ़ा हुआ मान लिया गया। इसके बाद राज्यपाल विधानसभा से रवाना हो गए।
पिछली बार की तरह इस बार भी हंगामे से बजट सत्र की शुरुआत हुई है। पिछले साल भी बजट सत्र के दौरान पेपर लीक का मुद्दा छाया रहा था, इस बार भी पेपर लीक का मुद्दा मुख्य है।
स्पीकर ने मार्शल से तीनों को सदन से निकालने को कहा
राज्यपाल के अभिभाषण के बाद जब सदन की कार्यवाही शुरू हुई तो भी पेपरलीक पर हंगामा जारी रहा। बीजेपी विधायकों का हंगामा बंद हो गया, लेकिन आरएलपी के तीनों विधायकों ने हंगामा जारी रखा। आरएलपी विधायक पुखराज गर्ग, नारायण बेनीवाल और बावरी ने पेपर लीक की सीबीआई जांच की मांग वाली तख्तियां ले रखी थीं।
स्पीकर ने तीनों विधायकों को बैठने के लिए कहा, लेकिन इसके बाद भी नारेबाजी जारी रही। नाराज स्पीकर ने तीनों विधायकों को आज पूरे दिन के लिए सदन से निष्कासित कर दिया। तीनों आरएलपी विधायकों को मार्शल बुलाकर सदन से बाहर करने को कहा।
गहलोत बोले- भाजपा जनता तक फायदा नहीं पहुंचने देना चाहती विपक्ष के हंगामे पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा- बीजेपी नेताओं के पास कहने को कुछ नहीं है, इसलिए राज्यपाल का अभिभाषण नहीं पढ़ने नहीं दिया। इनकी चाल है कि धमालपट्टी करके सरकार की उपलब्धियों को जनता तक पहुंचने से रोकें। सरकार की योजनाओं का लाभ जनता तक नहीं पहुंचने देने का इनका षडयंत्र है।
गहलोत ने कहा कि पेपरलीक की चिंता इनसे ज्यादा हमें है, अगर हम नौकरी नहीं लगाते तो अलग बात थी। हम जितनी नौकरियां दे रहे हैं, उतनी किसी राज्य में नहीं दी जा रही हैं, साढ़े तीन लाख नौकरियां किसे कहते हैं? ध्यान डायवर्ट करने के लिए बीजेपी विधायक जानबूझकर नाटक कर रहे हैं।