केवाईसी पूरा करने के लिए वॉलेट कंपनियों की तैयारियां

0
660

बेंगलुरु। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) द्वारा प्रीपेड पेमेंट इंस्ट्रूमेंट (पीपीआई) लाइसेंस होल्डर्स, मोबाइल वॉलेट कंपनियों के लिए नो योर कस्टमर (केवाईसी) नॉर्म्स अनिवार्य बनाने के बाद अब इन कंपनियों ने नियमों को पूरा करने के लिए अपनी तैयारियां तेज कर दी हैं।

कंपनियां नियमों पर एक वर्ष के भीतर ही अमल करना चाहती हैं। उदाहरण के लिए डिजिटल पेमेंट कंपनी मोबिक्विक ने कस्टमर्स के केवाईसी नॉर्म्स के लिए 100 करोड़ रुपये का बजट रखा है। मोबिक्विक वॉलेट के फाउंडर बिपिन प्रीत सिंह ने कहा, ‘हमने अगले एक साल में 2 करोड़ केवाईसी वॉलेट का लक्ष्य रखा है।

हमें उम्मीद है कि एक कस्टमर्स के केवाईसी पर हमारा खर्च 50 रुपये के करीब आएगा। हमारे पास 6.5 करोड़ यूजर्स हैं। ऐसे में सभी कस्टमर्स के लिए केवाईसी की औपचारिकताएं एक साथ पूरी नहीं की जा सकतीं।’

इससे पहले देश की सबसे बड़ी वॉलेट कंपनी पेटीएम ने कहा था कि उसने कस्टमर्स के लिए केवाईसी नॉर्म्स का पालन करने के लिए 50 करोड़ डॉलर का बजट तैयार किया है। पेटीएम का लक्ष्य मौजूदा साल के अंत तक 50 करोड़ केवाईसी वॉलेट का लक्ष्य पूरा करने का है। मोबिक्विक की योजना एजेंट की संख्या बढ़ाने की है।

कंपनी तेजी से केवाईसी नियमों को पूरा करने के लिए एजेंटों की संख्या को 1,000 से बढ़ाकर 7,000 के करीब कर सकती है। कंपनी वन टाइम पासवर्ड के जरिए भी आधार बेस्ड केवाईसी नियमों को पूरा करने के लिए जोर देगी ।

ऑक्सीजन और इट्जकैश जैसी पेमेंट कंपनियां केवीईसी नियमों को पूरा करने के लिए रीटेल इन्फ्रास्ट्रक्चर का इस्तेमाल कर सकती हैं। इट्जकैश के चीफ ग्रोथ ऑफिसर भाविक वासा ने कहा, ‘75,000 इट्ज कैश आउटलेट के जरिए पहले ही देशभर में हमारी मौजूदगी बड़े लेवल पर है।

हमने हाल में 40,000 और ऐसे आउटलेट्स का अधिग्रहण किया है, जहां रेमिटेंस ऐक्टिविटीज होती हैं। हमारे रीटेलर्स के पास बायोमीट्रिक की सुविधा है, जो कस्टमर्स की केवाईसी डीटेल्स जुटा सकते हैं।’ऑक्सीजन सर्विस को भी उम्मीद है कि वह बड़ी रीटेल मौजूदगी के चलते आसानी से केवाईसी नियमों को पूरा कर लेगी।

कंपनी ने माइक्रो एटीएम लगाए हैं जो कस्टमर्स की बायोमीट्रिक डीटेल हासिल कर सकते हैं। ऑक्सीजन सर्विसेज के चेयरमैन प्रमोद सक्सेना ने कहा, ‘केवीईसी नॉर्म्स को पूरा करने के लिए हमें रीटेलर्स को थोड़ा प्रोत्साहन देना पड़ सकता है, लेकिन इस पर बहुत खर्च नहीं आएगा।

‘ मोबिक्विक ने भी उम्मीद जताई है कि कन्ज्यूमर लेंडिंग प्लैटफॉर्म बजाज फिनसर्व और पब्लिक सेक्टर टेलिकॉम एंटिटी भारत संचार निगम लिमिटेड के साथ पाटर्नरशिप से वह सभी कस्टमर्स को केवाईसी के दायरे में ले आएगी।