नयी दिल्ली। स्थानीय शेयर बाजारों की चाल इस सप्ताह मुख्य रूप से व्यापक आर्थिक आंकड़ों और अमेरिकी केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व के ब्याज दरों पर निर्णय से तय होगी। विश्लेषकों ने यह राय व्यक्त की। औद्योगिक उत्पादन और खुदरा महंगाई दर के आंकड़े सोमवार को जारी होंगे। इसके अलावा थोक मुद्रास्फीति के आंकड़े बुधवार को आएंगे।
स्वस्तिका इन्वेस्टमार्ट लिमिटेड के शोध प्रमुख संतोष मीणा ने कहा, ‘‘यह सप्ताह वैश्विक संकेतों के लिहाज से महत्वपूर्ण है। इस दौरान अमेरिकी मुद्रास्फीति के आंकड़े और अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों की समीक्षा के फैसले आएंगे। बाजार के लिहाज से ये सबसे महत्वपूर्ण घटनाएं होंगी।’’
उन्होंने कहा, ‘‘घरेलू मोर्चे पर, औद्योगिक उत्पादन (आईआईपी) और खुदरा मुद्रास्फीति के आंकड़े 12 दिसंबर को आएंगे। थोक मुद्रास्फीति के आंकड़े 14 दिसंबर को घोषित किए जाएंगे।’’ इसके अलावा चीन से आने वाली खबरें, कच्चे तेल की कीमतों का उतार-चढ़ाव और डॉलर सूचकांक अन्य महत्वपूर्ण कारक होंगे। मीणा ने आगे कहा कि संस्थागत प्रवाह पर भी नजर रखने की जरूरत है, क्योंकि पिछले सप्ताह में विदेशी संस्थागत निवेशक (एफआईआई) शुद्ध बिकवाल रहे हैं।
बीते सप्ताह एफआईआई ने शुद्ध रूप से 4,305.97 करोड़ रुपये के शेयर बेचे।पिछले हफ्ते भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने मुद्रास्फीति को संतोषजनक स्तर पर लाने के लिए रेपो दर में 0.35 प्रतिशत की और बढ़ोतरी की थी। जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, ‘‘आरबीआई ने उम्मीद के मुताबिक नीतिगत दरों में 0.35 प्रतिशत की बढ़ोतरी की है, जबकि आगामी बैठक में दरों में और वृद्धि का संकेत दिया है।’’
नायर ने कहा कि रूसी तेल पर नए प्रतिबंधों के चलते वैश्विक तेल बाजारों में अस्थिरता बढ़ी है। पिछले हफ्ते बीएसई सेंसेक्स 686.83 अंक या 1.09 प्रतिशत टूटा था। शुक्रवार को सेंसेक्स 62,181.67 पर और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 18,496.6 अंक पर बंद हुआ था।