राहुल गांधी के स्वागत में जगमग हुआ कोटा शहर, 11 हजार दीपों से होगा अभिनंदन

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-कृष्ण बलदेव हाडा-
कोटा। कन्याकुमारी से भारत जोड़ो यात्रा पर निकले कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी के स्वागत के लिए कोटा शहर सजधज कर तैयार है। जगपुरा से चल कर कोटा में प्रवेश के बाद श्री राहुल गांधी के शहर के जिन सड़क मार्गों से होकर गुजरने की संभावना है, उन्हें चकाचक चमका दिया गया है और जगह-जगह भव्य साज-सज्जा की गई है। पूरा रास्ता श्री राहुल गांधी के स्वागत में लिखी इबारत के बैनर-होर्ड़िग से अटा पड़ा है जिनमें उनकी तस्वीर को प्रमुखता से स्थान दिया हुआ है।

श्री राहुल गांधी इसके पहले भी विभिन्न अवसरों पर कोटा की यात्रा पर आ चुके हैं, लेकिन यह पहला अवसर होगा जब वे कोटा शहर की सड़कों पर पैदल निकलेंगे। उन्हें पहली बार शहरी लोगों से रूबरू होने का मौका मिलने वाला है और इस मौके को सरकार और कांग्रेस भुनाने का हर संभव प्रयास करेगी।

कोटा शहर में प्रवेश के बाद यह कोशिश की जा रही है कि उन्हें शहर के उन चुनिंदा स्थलों की किसी न किसी रूप में झलक नजर आए जिनका प्रदेश के नगरीय विकास एवं स्वायत्त शासन मंत्री शांति धारीवाल चार सालों में पर्यटन की दृष्टि से विकास कर शहर को नया स्वरूप प्रदान करने की कोशिश की है। कोटा शहर में यहां के ऐतिहासिक किशोर सागर तालाब की पाल पर उनके स्वागत में 11 हजार दीप सजा कर किया जायेगा।

नयापुरा इलाके में स्थित जिस ऐतिहासिक इमारत उम्मेद क्लब में श्री राहुल गांधी और कुछ खास मेहमानों के दोपहर के भोज का कार्यक्रम है, उसकी भव्य साज-सज्जा की गई है । हालांकि उस दिन श्री राहुल गांधी दोपहर को वहां पहुंचेंगे, लेकिन इससे उनकी यात्रा को देखते हुये इस इमारत में भव्य रोशनी की व्यवस्था की गई है। पिछले कुछ दिनों से वह इमारत उन रंग-बिरंगी रोशनी से जगमगाया हुआ है जो यहां लगाई गई है।

झालावाड़ जिले में अपनी यात्रा के समापन के बाद श्री राहुल गांधी मोरूकला से 7 दिसम्बर को कोटा जिले की सीमा के लिए रवाना होंगे। उस दिन कोटा की नगरीय सीमा में प्रवेश से पहले वे जगपुरा में रात्रि विश्राम करेंगे। इसके लिए एक विशाल भूभाग पर टेंट लगा दिए गए हैं। श्री राहुल गांधी अगले दिन 8 दिसंबर को जगपुरा से कोटा के लिए रवाना होंगे। रास्ते में उनका पहला पड़ाव बंद उनके दिवंगत पिता पूर्व प्रधानमंत्री श्री राजीव गांधी की प्रतिमा पर होगा।

देश में दूरसंचार क्रांति के जनक माने जाने वाले राजीव गांधी की हाथ में लैपटॉप लिये यह मूर्ति कुछ साल पहले स्थापित की गई थी। यहां राहुल गांधी अपने स्वर्गीय पिता की प्रतिमा पर जयपुर से मंगवाई जा रही सूत की माला का अर्पण करेंगे, पास ही में श्री राहुल गांधी का कोटा में कोचिंग के लिए आने वाले छात्रों के समूह से मुलाकात का कार्यक्रम प्रस्तावित है जहां वे देश के शैक्षणिक माहौल के बारे में छात्रों से विचारों को साझा कर सकते हैं।

इसके बाद श्री राहुल गांधी विज्ञान नगर फ्लाईओवर, हवाई अड्डा सर्किल, कोटड़ी चौराहा से होते हुए किशोर सागर तालाब की पाल पर पहुंचेंगे जहां कांग्रेस के कार्यकर्ताओं की ओर से उनके स्वागत में एक 11000 दीप प्रज्वलित कर दीपोत्सव मनाया जाएगा। इस मौके पर चंबल माता की आरती का कार्यक्रम प्रस्तावित किया गया है।

हालांकि इस कार्यक्रम में श्री राहुल गांधी भाग लेंगे अथवा नहीं, यह भी तय नहीं है। वहां से वे उम्मेद क्लब चले जाएंगे। दोपहर के भोज के बाद श्री राहुल गांधी का नॉर्दन बाईपास होते हुए बूंदी जिले की सीमा की ओर बढ़ने का कार्यक्रम है और 8 दिसम्बर को शाम श्री गांधी बूंदी जिले में केशवरायपाटन के पास गुडली फाटक पहुंचेंगे,जहां उनका रात्रि विश्राम का कार्यक्रम है।

कोटा में श्री राहुल गांधी की अगवानी के लिए जोरदार तैयारी की गई है। पूरा प्रशासनिक अमला और कोटा के दोनों प्रमुख स्वायत्तशासी निकाय कोटा नगर निगम और कोटा नगर विकास न्यास के अधिकारियों ने रात-दिन लग कर कोटा की शहरी सीमा में जगपुरा से लेकर नॉर्दन बाईपास तक के रास्ते की सड़कों को पूरी तरह से चमका दिया गया है। यहां तक कि कंप्रेसर के जरिए पूरे मार्ग-फ़ुटपाथ की धूल-मिट्टी हटाने की व्यवस्था की गई है और धूल उड़ने से रोकने के लिए पानी के छिड़काव भी किया गया है।

जगपुरा से लेकर नॉर्दन बाईपास तक रास्ते में पड़ने वाले सभी फ्लाईओवर, पुलों का रंग-रोगन कर दिया गया है। जगपुरा से कोटा में आने के बाद पड़ने वाले अनन्तपुरा के पहले फ्लाईओवर का तो नामकरण तो श्री राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा के नाम की तर्ज पर भारत जोड़ो सेतु किया जा चुका है। इसलिए इस फ्लाइ ओवर की विशेष रूप से साज-सज्जा की गई है।

कोटा नगर विकास न्यास ने इस फ्लाईओवर का तकरीबन 70 करोड़ रुपए की लागत से निर्माण करवाया है। राजस्थान में यह। दूसरा फ्लाईओवर जिसका नामकरण भारत जोड़ो सेतु के रूप में किया गया है। इसके पहले मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत जयपुर के सोडाला में बने एक पुल का नामकरण भारत जोड़ो सेतु के रूप में कर चुके हैं।