5G स्पेक्ट्रम की नीलामी समाप्त, रिलायंस जियो के लिए लगी सबसे ज्यादा बोली

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नई दिल्ली। 26 जुलाई को शुरू हुआ 5G स्पेक्ट्रम (5G spectrum) नीलामी की प्रक्रिया सोमवार को पूरी हो गई। इस दौरान करीब 1,50,173 करोड़ रुपये के स्पेक्ट्रम के लिए बोली लगाई गई है। दिग्गज कारोबारी मुकेश अंबानी की रिलायंस जियो (Reliance Jio) 5G स्पेक्ट्रम के लिए सबसे ज्यादा बोली लगाई है। रिलायंस जियो 5G स्पेक्ट्रम नीलामी की टॉप बिडर बन गई है। 1 अगस्त 2022 को खत्म हो गया।

5G एयरवेव की नीलामी में देश के दिग्गज कारोबारी घराने मुकेश अंबानी की रिलायंस जियो, सुनील मित्तल की भारती एयरटेल, गौतम अडानी की अडानी इंटरप्राइजे लिमिटेड और वोडाफोन-आइडिया ने हिस्सा लिया। बता दें कि पिछले साल 4G स्पेक्ट्रम नीलामी के दौरान करीब 77,815 करोड़ रुपये की बोली लगाई गई थी जो इस साल 5G स्पेक्ट्रम नीलामी के दौरान दोगुना हो गई। साथ ही साल 2010 में 3G स्पेक्ट्रम नीलीमी की रकम 50,968.37 करोड़ से तीन गुना ज्यादा है।

नीलामी के मामले में जियो रही टॉप: 5G स्पेक्ट्रम नीलामी के दौरान जियो ने सबसे ज्यादा की कीमत में एयरवेव खरीदा। इसके बाद भारती एयरटेल और वोडाफोन-आइडिया का नंबर आता है। ऐसा दावा किया जा रहा है कि 4G के मुकाबले 5G की स्पीड 10 गुना फास्ट होगी। साथ ही लैग-फ्री कनेक्टिविटी मिलेगी। 5G कनेक्टिविटी के जरिए रियल-टाइम में लाखों डिवाइस कनेक्टेड होंगी। साथ ही तेजी से डेटा ट्रांसफर किया जा सकेगा।

अडानी समूह की तरफ से 26 Mhz स्पेक्ट्रम के लिए प्राइवेट टेलिकॉम नेटवर्क स्थापित किया जाएगा। भारती एयरटेल और रिलायंस जियो दोनों की तरफ से पैन इंडिया 5G नेटवर्क उपलब्ध कराने की दिशा में काम किया जा रहा है। जबकि वोडाफोन-आइडिया (Vi) कुछ चुनिंदा लोकेशन में 5G नेटवर्क उपलब्ध कराएगी।

जल्द कॉमर्शियली उपलब्ध होगा 5G: केंद्र सरकार को उम्मीद है कि इस साल के आखिरी तक 5G स्पेक्ट्रम नेटवर्क को कॉमर्शियली इस्तेमाल किया जा सकता है। हालांकि शुरुआत में 5G की कीमत ज्यादा हो सकती है।