इग्नू व आयुक्तालय कॉलेज शिक्षा के सहयोग से राजकीय महाविद्यालयों में शुरू होंगे 16 नए कोर्सेज -किरण माहेश्वरी
जयपुर। उच्च एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री किरण माहेश्वरी ने कहा कि प्रदेश के कॉलेजों में अध्ययनरत छात्रों को अध्ययन के दौरान ही कौशल विकास के ऎसे खास कोर्सेज करवाए जाएंगे ताकि स्नातक होते ही वे आत्मनिर्भर और स्वालंबी बन सकें। ऎसे कोर्सेज प्रदेश के युवाओं की तकदीर बदल देंगे।
माहेश्वरी मंगलवार को इग्नू व आयुक्तालय कॉलेज शिक्षा राजस्थान के संयुक्त तत्वाधान में संचालित परियोजना एवं प्राचार्यों व समन्वयकों की एक दिवसीय कार्यशाला के उद्घाटन सत्र में बोल रही थीं। उन्होंने कहा कि भारत में पहली बार राजस्थान में ऎसा अनूठा प्रयोग हो रहा है।
इसके तहत कॉलेज शिक्षा विभाग, इन्दिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय (इग्नू) की मदद से प्रदेश की सभी राजकीय महाविद्यालयों में 16 ऎसे सर्टीफिकेट और डिप्लोमा पाठ्यक्रमों की शुरूआत कर रहा है, जिनको करने से न केवल छात्रों के लिए रोजगार की संभावना बढ़ेगी बल्कि उनमें उद्यमिता का विकास होगा। ये कोर्सेज सभी महाविद्यालयों में 1 अक्टूबर से प्रारंभ होंगे।
कॉलेजों में कोर्सेज बेहतर तरीके से संचालित हो सकें इसके लिए प्रदेश के महाविद्यालयों के प्राचार्यों को एक दिवसीय प्रशिक्षण भी आज की कार्यशाला में दिया गया। प्रदेश के 219 महाविद्यालयों में 4 लाख से ज्यादा छात्र अध्यनरत हैं।
कॉलेज शिक्षा आयुक्तालय ने सभी महाविद्यालयों को 16 (12 सर्टिफिकेट और 4 डिप्लोमा कोर्सेज) में से उद्योगों की मांग और छात्रों की पसंद के अनुसार इनमें से 5 कोर्स शुरू कर दिए हैं।
अब तक 94 कॉलेजों में 5646 से ज्यादा विद्यार्थियों ने इन कोर्सेज के लिए पंजीकरण भी करवा लिया है। ये कोर्सेज अनुसूचित जाति और जनजाति के छात्र-छात्राओं के अलावा सभी वर्ग की छात्रओं के लिए निशुल्क रहेंगे जबकि सामान्य वर्ग के लिए बेहद कम शुल्क पर उपलब्ध कराए जाएंगे।
इग्नू के कुलपति प्रोफेसर रवीन्द्र कुमार ने कहा कि विश्वविद्यालय द्वारा बेहतरीन कोर्स संचालित किए जा रहे हैं और आगे भी विभाग की मांग के आधार पर नए कोर्स भी डिजाइन किए जा सकेंगे।
उन्होंने बताया कि इग्नू के पाठ्यक्रम स्तरीय और बेहतरीन तरीके से बनाए हुए हैं। इस अवसर पर सेटेलाइट से चलने वाले ज्ञान सरिता की भी विधिवत रूप से शुरूआत की, इससे देश भर में कहीं भी छात्र ऑनलाइन शिक्षा ले सकेंगे।
इससे पहले अतिरिक्त मुख्य सचिव राजहंस उपाध्याय ने कहा कि प्रदेश के छात्रोें के लिए यह बेहतरीन अवसर है कि वे पढ़ाई के साथ पसंदानुसार करियर का चुनाव कर सकें।
उन्होंने कहा कि यह प्रयास छात्रों के लिए मील का पत्थर साबित होगा। कॉलेज शिक्षा आयुक्त आशुतोष पेंडणेकर ने कहा कि कौशल विकास को सामान्य शिक्षा से जोड़ने का कदम अभूतपूर्व है, यह छात्रों को आत्मनिर्भर बनाने और रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने के लिए बेहतरीन प्लेटफॉर्म साबित होगा।
ये कोर्सेज होंगे प्रारंभ
सभी महाविद्यालयों में फूड एंड न्यूट्रिशन, कम्यूनिकेशन एंड आईटी स्किल्स, टूरिज्म स्टडी, ऑर्गनिक फार्मिंग, इंफोर्मेेशन टेक्नोलॉजी, बिजनेस स्किल्स, वाटर हार्वेस्टिंग, एनजीओ मैनेजमेंट, एंटप्रेन्योरशिप, लैब टैक्नीक्स, बिजनेस प्रोसेस आउटसोर्सिंग-फाइनेंस एंड अकाउंटिंग, फूड सेफ्टी, वैल्यू एडेड प्रोडक्ट्स फ्रॉम फ्रू्रट एंड वेजीटेबल्स और इंफोर्मेशन सिक्योरिटी जैसे कुछ अन्य कोर्सेज में से छात्र किसी को भी चुन सकेंगे।
कार्यशाला में इग्नू के क्षेत्रीय सेवा प्रभाग के निदेशक डॉ. वी. वेणूगोपाल रेड्डी व उच्च एवं तकनीकी शिक्षा विभाग के अधिकारीगण के सहित सभी महाविद्यालयों के प्राचार्य और नोडल ऑफिसर उपस्थित रहे।