खाद्य विभाग ने की अनियमिता के विरूद्ध कड़ी कार्यवाही

0
1108

4 डीएसओ 10 ईओ-आई निलंबित, 3 जिलों में 12 राशन डीलर्स के लाइसेंस रद्द करने की कार्यवाही, एफआईआर दर्ज

जयपुर । खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री  बाबू लाल वर्मा के निर्देश पर विभाग द्वारा राशन वितरण के कार्य में अनिमियताएं पाये जाने पर कड़ी कार्यवाही करते हुए मंगलवार को 4 जिला रसद अधिकारियों एवं 10 प्रवर्तन अधिकारी एवं प्रवर्तन निरीक्षकों को निलंबित करने की कार्रवाई करते हुए यह स्पष्ट कर दिया है कि राज्य सरकार किसी भी स्तर पर भ्रष्टाचार को बर्दाश्त नही करेंगी।

इन सभी अधिकारियों के विरूद्ध प्राप्त शिकायतों की जांच विचाराधीन है। विभाग द्वारा भीलवाडा जिले में 1, उदयपुर जिले में 1 एवं जयपुर में 10 राशन की दुकानदारों के लाइसेंस निलंबित कर दिये गये हैं तथा इन सभी राशन डीलर्स के विरूद्ध एफआईआर दर्ज करने की कार्यवाही भी की जायेंगी। विभाग द्वारा पहली बार इतने वृहद स्तर पर कार्यवाही की गई है।

मुख्यमंत्री वसुंधराराजे ने कहा है कि राशन के गेहूं पर पहला और आखिरी हक गरीब का है, इसमें जो भी कोई गड़बड़ी करेगा और दोषी होगा, उसे बख्शा नहीं जाएगा। मुख्यमंत्री ने राशन के कालाबाजारियों के खिलाफ मुख्य सचिव और खाद्य नागरिक आपूर्ति विभाग के अधिकारियों को तुरंत सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। गरीबों का गेहूं बाजार में बिकने के मामले को चिंताजनक मानते हुए राजे ने सार्वजनिक वितरण प्रणाली व्यवस्था को एक माह में ऑनलाइन किए जाने के निर्देश दिए हैं। 

व्यवस्था में पारदर्शिता के लिए उठाये कदम
 राज्य सरकार की मंशा के अनुरूप  प्रदेश में सार्वजनिक वितरण प्रणाली में पारदर्शिता लाने, कालाबाजारी रोकने व लक्षित लाभार्थियों तक राशन सामग्री की पहुंच सुनिश्चित करने के लिए अनेक कदम उठाये गये है। इसके तहत  कम्प्यूटरीकरण का कार्य किया गया है ।

इस व्यवस्था पर पूर्ण निगरानी के साथ ही मुख्यालय द्वारा एवं अन्तर जिलों से टीमों का गठन कर सार्वजनिक वितरण प्रणाली को सुदृढ़ बनाने के लिए नियमित रूप से जांच भी की जा रही है। 

पोस मशीन से शत-प्रतिशत खाद्यान वितरण
पोस मशीन के माध्यम से बायोमैट्रिक सत्यापन के बाद 100 प्रतिशत खाद्यान्न वितरण किया जा रहा हैं। राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना के तहत प्रदेश में कुल 4.20 करोड लाभार्थी हैं। इन लाभार्थियों के लिए 1.74 लाख मीट्रिक टन गेहूं का आवंटन प्रतिमाह किया जा रहा है।

लक्षित सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत भारत सरकार के निर्देशानुसार डोर-स्टेप-डिलीवरी  प्रणाली प्रदेश में भी लागू है। इस प्रणाली के तहत भारतीय खाद्य निगम से गेहूं का उठाव कर सीधे ही उचित मूल्य दुकान (एफपीएस) तक पहुंचाया जाता है। 

अनियमितता पर कार्यवाही 
पोस मशीन लागू किये जाने के उपरांत समय-समय पर विभाग द्वारा जिलों में खाद्यान्न के उठाव व वितरण की जांच करवाई गई है, जिसमें जोधपुर, बीकानेर, हनुमानगढ, उदयपुर, करौली, सीकर, सवाई माधोपुर, बारां, झालावाड व गंगानगर जिले शामिल हैं।

इन जिलों में अब तक पाई गई अनियमितता के कारण, विभाग द्वारा की गई कार्रवाई के तहत 108 उचित मूल्य दुकानदारों के प्राधिकृत पत्र (लाइसेंस) निलंबित किये गये है एवं 108 के ही विरूद्ध एफआईआर भी दर्ज करवायी गई है।

इसके साथ ही विभागीय अधिकारियों में 27 जिला रसद अधिकारियों, 5 प्रवर्तन अधिकारी व प्रवर्तन निरीक्षक के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की गई है एवं 3 प्रबंधक, खाद्य नागरिक आपूर्ति को भी निलंबित किया जा चुका है। आधार के दुरउपयोग की शिकायत मिलने पर 263 राशन डीलर्स के लाईसेन्स निलम्बन, 91 एफआई दर्ज एवं 63 लाईसेन्स निरस्त किये गये है।

पोस मशीनों के लिए टोल फ्री हैल्पलाईन भी
पोस मशीनों में आ रही समस्याओं के निराकरण हेतु विभाग द्वारा एक टोल फ्री हैल्पलाईन भी (1800-180-6127) शुरू की गई हैं।

इसके व्यापक प्रचार-प्रसार के लिए विभाग की ओर से निर्देश दिए गए हैं कि 26 अक्टूबर 2017 तक प्रदेश के सभी अटल सेवा केन्द्रों, पंचायत समिति मुख्यालय, जिला परिषद मुख्यालय, शहरी क्षेत्रों में नगर पालिका, नगर परिषद एवं नगर निगम मुख्यालयों पर सनबोर्ड के माध्यम से इस हेल्पलाइन की जानकारी हर व्यक्ति तक पहुुंचाना सुनिश्चित किया जाए।