कोटा। मरियम अबाचा अमेरिकन यूनिवर्सिटी ऑफ नाइजीरिया (एमएएएयूएन), कानो नाइजीरिया और गवर्नमेंट डिविजनल पब्लिक लाइब्रेरी कोटा के संयुक्त तत्वावधान मे ‘इनफोर्मेशन सर्चिंग, सोर्सिंग एण्ड यूज फोर एकेडेमिक राइटिंग्स टिप्स एण्ड स्ट्रेटेजीज’ थीम पर दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय कार्यशाला का आयोजन किया गया।
कार्यशाला के प्रथम दिन के उदघाटन सत्र में बतौर की-नोट स्पीकर गवर्नमेंट डिविजनल पब्लिक लाइब्रेरी कोटा के लाईब्रेरियन एवं इनेली साउथ एशिया मेंटर डॉ. दीपक कुमार श्रीवास्तव ने कहा कि ‘शोधार्थी’ एक्सप्रेस करने के लिये लिखें ना कि इम्प्रेस करने के लिये।
डॉ. दीपक ने कहा कि कोई भी सर्च इंजन सभी जानकारी नहीं ढूंढ सकता है।उन्होंने समझाया कि कोई भी सामान्य सर्चर, गूगल सर्च इंजन के केवल 16 प्रतिशत भाग को ही खोज करने की अनुमति देता है। बाकी सर्च इंजन की पहुंच से बाहर है। जिसे अदृश्य वेब या डीप वेब कहा जाता है। कुछ शैक्षणिक संसाधन भी खोज इंजन की पहुंच से बाहर हैं। क्योंकि विभिन्न उपयोगकर्ता अधिकारों के कारण लाइसेंस प्राप्त संसाधनों तक पहुंच प्रतिबंधित है।
डॉ. श्रीवास्तव ने इंटरनेशनल रिसर्च स्कॉलर को शोध कार्यों मे विकिपीडिया का उपयोग न करने की भी सलाह दी। यह एक वैज्ञानिक स्रोत नहीं है। गूगल के बजाय गूगल स्कॉलर का उपयोग करें। उन्होंने अपनी खोज को बढ़ावा देने के लिए गूगल में बुलियन ऑपरेटरों, वाक्यांश खोज और छंटनी का भी उपयोग करने की सलाह दी। इस कार्यशाला के प्रथम सत्र में कोटा विश्वविद्यालय की स्पोर्टस चेयरपर्सन डॉ. एकता धारीवाल ने भी ‘सीक्रेटस ऑफ एकेर्डेमीक सक्सेज’ विषय पर प्रेजेंटेशन दिया।