क्रूड ऑयल की कीमतों में नरमी, एक सप्ताह में सात फीसद की गिरावट

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ई दिल्ली। करीब साढ़े तीन महीने के बाद पहली बार अंतरराष्ट्रीय बाजार में क्रूड की कीमतों में नरमी का रुख आया है। पिछले चार दिनों में क्रूड की कीमत 119 डॉलर प्रति बैरल से घटकर 113 डॉलर से नीचे आ गई हैं। बाजार में जुलाई माह के लिए क्रूड के सौदे 109 डॉलर प्रति बैरल पर चल रहे हैं, जो इस बात की तरफ इशारा करते हैं कि अभी इसमें और कमी आएगी।

हालांकि, इस कमी का फायदा अभी आम जनता को होने की गुंजाइश नहीं है। अगर कीमतों में नरमी का दौर यूं ही जारी रहे और क्रूड कम से कम तीन से पांच हफ्तों तक 100 डॉलर प्रति बैरल से नीचे रहे तब तेल कंपनियां पेट्रोल-डीजल की मौजूदा खुदरा कीमत में कुछ राहत देने की स्थिति में होंगी।

वैश्विक क्रूड बाजार का बेंचमार्क दिखाने वाले ब्रेंट क्रूड की कीमत सोमवार को 112.99 डॉलर प्रति बैरल थी। पिछले शुक्रवार को यह कीमत 119.16 डॉलर और पिछले सोमवार को 123.15 डॉलर प्रति बैरल थी। इस तरह से हफ्ते भर में सात प्रतिशत से ज्यादा की गिरावट आई है।

इस गिरावट को ही भारतीय शेयर बाजार में सोमवार आई तेजी की वजह बताया जा रहा है। वैश्विक मंदी की आशंका मजबूत होने के चलते क्रूड की कीमतों में गिरावट एक बड़ी वजह है। खास तौर से जिस तरह अमेरिका के केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व ने एक झटके में 0.75 प्रतिशत ब्याज दर बढ़ाने का फैसला किया है, उससे मांग में कमी की संभावना जताई जाने लगी है। इससे क्रूड की मांग प्रभावित हो सकती है।

सरकारी तेल कंपनियों के अधिकारियों का कहना है कि सिर्फ दो-चार दिनों की गिरावट के आधार पर देश में पेट्रोलियम उत्पादों की कीमतों में कोई बदलाव नहीं होगा। आम जनता को राहत तभी मिलेगी जब लंबे समय तक क्रूड की कीमतें 100 डॉलर से नीचे रहें।

मई, 2022 में केंद्र सरकार की तरफ से पेट्रोल और डीजल पर उत्पाद शुल्क में कटौती करने के बावजूद तेल कंपनियों का कहना है कि उन्हें लागत से पेट्रोल को नौ रुपये प्रति लीटर और डीजल 15 रुपये प्रति लीटर कम पर बेचना पड़ रहा है।

यह अंतर तभी पटेगा जब क्रूड की कीमतें और तेजी से नीचे आएं। उम्मीद की किरण जुलाई के लिए क्रूड के होने वाले वायदा कारोबार में दिख रही है। विश्व के बड़े क्रूड एक्सचेंज में जुलाई के लिए क्रूड की कीमत 109 डॉलर प्रति बैरल दर्ज की गई है।

इंटरनेशनल एनर्जी एजेंसी (आइईए) ने चेतावनी दी है कि वैश्विक मांग की स्थिति को देखते हुए एनर्जी उत्पादों की मौजूदा कीमत को ऊंचे स्तर पर बनाकर नहीं रखा जा सकता। क्रूड बाजार का मिजाज आने वाले हफ्तों और महीनों में बहुत कुछ आपूर्ति से भी तय होगा। देखना होगा कि रूस किस हद तक कच्चा तेल और गैस उत्पादन बढ़ाने और इसकी आपूर्ति करने में सफल रहता है।

घरेलू बाजार में देखें तो 22 मई 2022 के बाद से पेट्रोलियम उत्पादों की खुदरा कीमतों में कोई बदलाव नहीं आया है। तब उत्पाद शुल्क में कटौती की वजह से दिल्ली में एक दिन में पेट्रोल 105.41 रुपये से घटकर 96.72 रुपये प्रति लीटर और डीजल की कीमत 96.67 रुपये प्रति लीटर से घटकर 89.62 रुपये प्रति लीटर हो गई थी।