सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने इस साल पांच विश्व रिकॉर्ड बनाए: गडकरी

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    पुणे। केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने इस साल सड़क निर्माण के क्षेत्र में पांच विश्व रिकॉर्ड (five world records) बनाए हैं। पुणे में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने शनिवार को इसकी जानकारी दी। उन्होंने कहा कि इन रिकार्ड्स में केवल 105 घंटे और 33 मिनट में 75 किलोमीटर के राजमार्ग का निर्माण शामिल है। संबोधन के दौरान उन्होंने इसका श्रेय इंजीनियरों, ठेकेदारों की टीम को दिया।

    पुणे में ‘पांडुरंग अबाजी राउत अमृत महोत्सव सत्कार’ कार्यक्रम में बोलते हुए केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि राष्ट्रीय राजमार्ग 53 पर अमरावती और अकोला के बीच 75 किलोमीटर की एकल बिटुमिनस कंक्रीट सड़क का निर्माण किया गया था। उन्होंने कहा कि इसका श्रेय मुझे नहीं, बल्कि दिन-रात मेहनत करने वाले इंजीनियरों, ठेकेदारों, सलाहकारों और श्रमिकों को जाता है।

    ‘पांडुरंग अबाजी राउत अमृत महोत्सव सत्कार’ कार्यक्रम में अपने संबोधन में उन्होंने देश की ईंधन जरूरतों को पूरा करने और इसे ऊर्जा निर्यातक बनाने के लिए गन्ने से इथेनॉल उत्पादन बढ़ाने की आवश्यकता पर जोर दिया। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि 18वीं सदी मुगलों की थी, 19वीं सदी अंग्रेजो की थी और 20वीं सदी में संयुक्त राज्य अमेरिका महाशक्ति था। अब अगर हम सब मिलकर काम करें तो 21वीं सदी भारत की होगी। उन्होंने कहा कि हमारे संयुक्त प्रयास से भारत ‘विश्वगुरु’ और आर्थिक महाशक्ति बन जाएगा।

    इससे पहले उन्होंने कहा कि सभी इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) की कीमत अगले एक साल मे पेट्रोल गाड़ियों के बराबर होगी। सड़क परिवहन मंत्री नितिन गड़करी ने कहा कि सरकार पेट्रोल और डीजल के बजाय फसल अवशेषों से उत्पादित इथेनॉल को बढ़ावा दे रही है। मैं कोशिश कर रहा हूं कि ईवी की कीमतें कम कर जीवाष्म ईंधन पर खर्च किए गए पैसे को बचाया जाए। सरकार पहले से ही हरित ईंधन को बड़े पैमाने पर बढ़ावा दे रही है। उन्होंने कहा कि जलमार्ग हमारे लिए सड़क की तुलना में परिवहन का एक सस्ता साधन है।

    पुणे में एक वाहन दुर्घटना परीक्षण (vehicle crash test) के बाद एक कार्यक्रम में बोलते हुए गडकरी ने कहा, “हमारे यहां सभी ऑटोमोबाइल ब्रांड हैं। इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि उनमें से एक या दो यहां नहीं हैं। हमने एक कंपनी से कहा कि चीन में निर्माण और यहां कार बेचने से काम नहीं चलेगा (चाइना में बनाकर यहां बेचोगे, ऐसा नहीं जमेगा)। यदि आप यहां आना चाहते हैं, तो आपको भारत में निर्माण करना होगा। मुझे विश्वास है कि हमारे वाहन निर्माता दूसरों से बेहतर वाहन बना सकते हैं। हमारे पास युवा प्रतिभाशाली डिजाइनर हैं और वे बेहतर कर रहे हैं।”