नयी दिल्ली। गेहूं निर्यात के लिए फर्जी ऋण पत्र जमा करने वाले निर्यातकों के खिलाफ कार्रवाई के तहत वाणिज्य मंत्रालय की शाखा विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) ने मुंबई की दो इकाइयों पर मौद्रिक जुर्माना लगाया है। इसके अलावा इन इकाइयों के खिलाफ आपराधिक प्रक्रिया भी शुरू करने का फैसला किया गया है।
सरकार ने 13 मई से गेहूं के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया है। गेहूं निर्यात की सिर्फ उन खेपों को अनुमति दी गई है जिनके लिए प्रतिबंध लगने की तारीख से पहले ऋण पत्र (एलसी) जारी किए गए हैं। बाद में फर्जी लेटर ऑफ क्रेडिट (ऋण पत्र) के आधार पर गेहूं निर्यात करने की कोशिश करने वाली इकाइयों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई शुरू करने का निर्णय लिया गया है।
वाणिज्य मंत्रालय ने व्यापारियों को फर्जी दस्तावेज जमा कराने से रोकने को गेहूं निर्यात के लिए पंजीकरण प्रमाणपत्र प्राप्त करने के मानदंडों को कड़ा कर दिया है। मंत्रालय के निर्देश के अनुसार, मुंबई डीजीएफटी कार्यालय ने जांच के बाद पाया कि दो इकाइयों – गणपति ट्रेडर्स और प्राइड एग्रो फ्रेश एलएलपी – ने गेहूं के निर्यात के लिए नकली एलसी (ऋण या साख पत्र) जमा किए हैं।
विदेश व्यापार के अतिरिक्त महानिदेशक (डीजीएफटी) के आदेश के अनुसार, प्राइड एग्रो फ्रेश एलएलपी पर कुल 42 करोड़ रुपये से अधिक का जुर्माना लगाया गया है। मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा के समक्ष प्राथमिकी दर्ज करने का भी निर्णय लिया गया है।
गणपति ट्रेडर्स के मामले में डीजीएफटी ने 18 करोड़ रुपये से अधिक का जुर्माना लगाया है और प्राथमिकी दर्ज करने का फैसला किया है। दोनों ही मामलों में डीजीएफटी ने पाया है कि उनके द्वारा गेहूं निर्यात के लिए आरसी प्राप्त करने के लिए जमा कराये गये एलसी फर्जी थे।
प्राइड एग्रो फ्रेश एलएलपी ने इस मुद्दे पर कुछ भी कहने से इनकार किया। अतिरिक्त डीजीएफटी – मुंबई के एक अलग आदेश के अनुसार, ‘‘यह संदेह से परे है कि गणपति ट्रेडर्स ने नकली साख पत्र जमा कराये हैं और गेहूं के निर्यात के लिए अनुबंधों का पंजीकरण (आरसी) प्राप्त किया है।’’
दोनों आदेशों में यह भी कहा गया है कि पीड़ित पक्ष इन आदेशों के खिलाफ अर्थदंड की राशि जमा करने के बाद अपनी अपील दायर कर सकते हैं। वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने हाल ही में चेतावनी दी थी कि सरकार उन निर्यातकों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करेगी जो फसल के निर्यात पर प्रतिबंध के बाद पुराने और अनुचित दस्तावेज जमा कर गेहूं का निर्यात करने की कोशिश कर रहे हैं।