नई दिल्ली। वित्तीय वर्ष 2021-22 के दौरान शुद्ध प्रत्यक्ष कर संग्रह में भारी उछाल देखने को मिला है। यह अपने उच्चतम स्तर पर पहुंच गया है। इसकी जानकारी सीबीडीटी के चेयरमैन जेबी महापात्र ने दी। महापात्र ने कहा कि शुद्ध प्रत्यक्ष कर संग्रह (आयकर और कॉर्पोरेट कर) वित्त वर्ष 2021-22 में 14.09 लाख करोड़ रुपये के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया है, जो वित्त वर्ष 2020-21 में 9.45 लाख करोड़ रुपये था। उन्होंने कहा कि वित्तीय वर्ष 2021-22 के दौरान शुद्ध प्रत्यक्ष कर संग्रह में 49.02 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई है।
उन्होंने कहा कि ऐसा इलीसिए हुआ क्योंकि देश की अर्थव्यवस्था COVID-19 महामारी की चपेट में आने के बाद वापस पटरी पर आई है। महापात्र ने इनकम टैक्स इंडिया के दो दिवसीय वार्षिक सम्मेलन के बाद संवाददाताओं से कहा, “इस वृद्धि ने स्पष्ट रूप से संकेत दिया कि भारत की अर्थव्यवस्था मजबूत हुई है और दो खराब सालों के बाद वापस लौटी है।”
वित्त वर्ष 2021-22 में शुद्ध प्रत्यक्ष कर संग्रह ने वित्त वर्ष 2019-20 के 10.50 लाख करोड़ रुपये की तुलना में 34.16 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की है। उन्होंने कहा कि वित्तीय वर्ष 2021-22 के रिफंड से पहले सकल प्रत्यक्ष कर संग्रह 16.34 लाख करोड़ रुपये से अधिक था, जो वित्त वर्ष 2021 के 12.31 लाख करोड़ रुपये से 32.75 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाता है।
वित्तीय वर्ष 2021-22 में सकल संग्रह में 2019-20 के वित्तीय वर्ष की तुलना में 32.42 प्रतिशत की वृद्धि हुई। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड के प्रमुख ने कहा कि वित्त वर्ष 2022 में 2,24,814 करोड़ रुपये के 2.43 करोड़ रिफंड जारी किए गए, जबकि 2020-21 में 2.37 करोड़ रिफंड जारी किए गए थे।
महापात्र ने कहा कि नए ई-फाइलिंग पोर्टल पर 31 मार्च, 2022 तक आकलन वर्ष (AY) 2021-22 के लिए 7.14 करोड़ से अधिक आयकर रिटर्न (ITR) दाखिल किए गए, जो पिछले वर्ष की तुलना में 2.4 प्रतिशत अधिक है।