श्रीनगर कोर्ट में 32 साल बाद आतंकी बिट्टा कराटे के खिलाफ फिर सुनवाई

0
285
बिट्टा कराटे उर्फ़ फारूक अहमद डार

एक इंटरव्‍यू में उसने 20 कश्‍मीरी पंड‍ितों की हत्‍या की बात कबूली थी

श्रीनगर। श्रीनगर की अदालत आतंकी बिट्टा कराटे (bitta karate) के खिलाफ आज कश्‍मीरी पंड‍ितों की हत्‍या के मामले की सुनवाई शुरू करेगी। सतीश टिक्कू के परिवार ने कोर्ट का रुख किया है। ब‍िट्टा पर 90 के दशक में अपने दोस्‍त टिक्‍कू सह‍ित कई कश्‍मीरी पंडितों की हत्‍या का आरोप है। ब‍िट्टा का असली नाम फारूक अहमद डार है। उस पर आरोप है क‍ि उसने 32 साल पहले सतीश टिक्‍कू की हत्‍या की और फिर कई कश्‍मीरी पंडितों को मौत के घाट उतार दिया। उसने टीवी पर कई हत्‍या की बात कबूल भी की है।

ब‍िट्टा को कई बार ग‍िरफ्तार भी किया गया। लेकिन हर बार सबूतों के अभाव में उसे रिहा कर दिया गया। हाल ही में कश्‍मीरों पंडितों पर बनी फिल्‍म द कश्‍मीर फाइल्‍स के रिलीज के होने के बाद से ब‍िट्टा एक बार फिर चर्चा में आ गया। अब 32 साल बाद सतीश टिक्‍कू के परिवार ने एक्‍ट‍िविस्‍ट विकास राणा की मदद से श्रीनगर कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। वकील उत्‍सव बैंस टिक्‍कू के परिवार का पक्ष रखेंगे।

20 कश्‍मीरी पंड‍ितों की हत्‍या की बात कबूली थी
ब‍िट्टा कराटे अलगाववादी नेता था। एक इंटरव्‍यू में उसने 20 कश्‍मीरी पंड‍ितों की हत्‍या की बात कबूली थी। उसने बताया था क‍ि कैसे उसने 22 साल के कश्‍मीरी पंडित सतीश कुमार टिक्‍कू की हत्‍या से घाटी में कत्‍लेआम शुरू किया था।

बता दें क‍ि बिट्टा पर 19 से अध‍िक मामले थे। 2008 में उसे अमरनाथ विवाद के दौरान भी ग‍िरफ्तार किया गया। मार्शल आर्ट में ट्रेंड होने के कारण लोग उसके नाम में कराटे लगाते हैं। लगभग 16 साल जेल में रहने के बाद 23 अक्‍टूबर 2006 को टाडा अदालत ने उसे जमानत पर रिहा कर दिया।