नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ‘मन की बात’ कार्यक्रम को संबोधित कर रहे हैं। पांच राज्यों में चुनाव संपन्न होने के बाद पीएम मोदी कार्यक्रम को संबोधित कर रहे हैं। ‘मन की बात’ में पीएम नरेन्द्र मोदी ने कहा कि भारत ने 30 लाख करोड़ के निर्यात का लक्ष्य हासिल कर लिया है। यह भारत की क्षमताओं और क्षमता को दर्शाता है। इसका मतलब है कि दुनिया में भारतीय सामानों की मांग बढ़ रही है।
‘7 अप्रैल को विश्व स्वास्थ्य दिवस मनाएंगे’
पीएम मोदी ने मन की बात कार्यक्रम के दौरान कहा कि हम 7 अप्रैल को विश्व स्वास्थ्य दिवस मनाएंगे। आज पूरे विश्व में हेल्थ को लेकर भारतीय चिंतन चाहे वो योग हो या आयुर्वेद इसके प्रति रुझान बढ़ता जा रहा है। पिछले ही सप्ताह कतर में एक योग कार्यक्रम में 114 देशों के नागरिकों ने हिस्सा लेकर एक नया विश्व रिकार्ड बनाया है। आयुष उद्योग का बाजार लगातार बड़ा हो रहा है। छह साल पहले आयुर्वेद से जुड़ी दवाइयों का बाजार 22 हजार करोड़ रुपये के आसपास का था। आज आयुष विनिर्माण उद्योग एक लाख चालीस हजार करोड़ रुपये के आसपास पहुंच गया है।
‘75 अमृत सरोवर बनाए जा सकते हैं’
पीएम मोदी ने कहा कि जैसे आजादी के अमृत महोत्सव में हमारे देश के हर जिले में कम से कम 75 अमृत सरोवर बनाए जा सकते हैं। कुछ पुराने सरोवरों को सुधारा जा सकता है, कुछ नए सरोवर बनाए जा सकते हैं। मुझे विशवास है कि आप इस दिशा में कुछ ना कुछ प्रयास जरूर करेंगे।
माधवपुर मेले का जिक्र
पीएम मोदी ने पूर्वोत्तर में लगने वाले माधवपुर मेला का जिक्र किया। पीएम मोदी ने कहा कि माधवपुर मेला कहां लगता है? क्यों लगता है? कैसे ये भारत की विविधता से जुड़ा है? ये जानना ‘मन की बात’ के श्रोताओं को बहुत रोचक लगेगा। उन्होंने कहा कि एक सप्ताह तक भारत के पूरब और पश्चिम की संस्कृतियों का ये मेल, ये माधवपुर मेला, एक भारत- श्रेष्ठ भारत की बहुत सुन्दर मिसाल बना रहा है। पीएम मोदी ने कहा, मेरा आपसे आग्रह है, आप भी इस मेले के बारे में पढ़ें और जानें।
जल संरक्षण पर दिया जोर
पीएम मोदी ने जल संरक्षण पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि मैं तो उस राज्य से आता हूं, जहां पानी की हमेशा बहुत कमी रही है। गुजरात में इन (Stepwells) को वाव कहते हैं। गुजरात जैसे राज्य में वाव की बड़ी भूमिका रही है। इन कुओं या बावड़ियों के संरक्षण के लिए ‘जल मंदिर योजना’ ने बहुत बड़ी भूमिका निभाई है। पूरे गुजरात में अनेकों बावड़ियों को पुनर्जीवित किया गया। इससे इन इलाकों में वाटर लेवेल (water level) को बढ़ाने में भी काफी मदद मिली। ऐसे ही अभियान आप भी स्थानीय स्तर पर चला सकते हैं। हमारे देश में जल संरक्षण, जल स्रोतों की सुरक्षा, सदियों से समाज के स्वभाव का हिस्सा रहा है। मुझे खुशी है कि देश में बहुत से लोगों ने (Water Conservation) को जिंदगी का मकसद ही बना दिया है।
आगामी पर्व का जिक्र
पीएम मोदी ने अप्रैल में आने वाले पर्व का भी जिक्र किया। पीएम ने कहा कि संयम और तप भी हमारे लिए पर्व ही है, इसलिए नवरात्र हमेशा से हम सभी के लिए बहुत विशेष रहा है। कुछ ही दिन बाद ही नवरात्र है। नवरात्र में हम व्रत-उपवास, शक्ति की साधना करते हैं, शक्ति की पूजा करते हैं, यानी हमारी परम्पराएं हमें उल्लास भी सिखाती हैं और संयम भी। हम सबको साथ लेकर अपने पर्व मनाएं, भारत की विविधता को सशक्त करें, सबकी यही कामना है।
आज भारत 30 लाख करोड़ तक पहुंचा
पीएम मोदी ने कहा कि एक समय में भारत से एक्सपोर्ट का आंकड़ा कभी 100 बिलियन, कभी डेढ़ सौ बिलियन तक हुआ करता था, आज भारत 30 लाख करोड़ तक पहुंच गया है। इसका मतलब ये है कि दुनिया भर में भारत में बनी चीजों की मांग बढ़ रही है, दूसरा मतलब ये है कि भारत की सप्लाई चेन दिनों-दिन और मजबूत हो रही है और इसका एक बहुत बड़ा संदेश भी है। पीएम मोदी ने कहा पहले यह माना जाता था कि केवल बड़े लोग ही सरकार को उत्पाद बेच सकते हैं, लेकिन सरकारी ई-मार्केटप्लेस पोर्टल ने इसे बदल दिया है। यह एक नए भारत की भावना को दर्शाता है।
महात्मा फुले और बाबासाहेब से जुड़ी जगहों पर जाएं लोग- पीएम
अप्रैल के महीने में हम दो महान विभूतियों की जयंती भी मनाएंगे। इन दोनों ने ही भारतीय समाज पर अपना गहरा प्रभाव छोड़ा है। ये महान विभूतियां हैं- महात्मा फुले और बाबा साहब अम्बेडकर। साथियो, महात्मा फुले की इस चर्चा में सावित्रीबाई फुले जी का भी उल्लेख उतना ही जरूरी है। पीएम मोदी ने कार्यक्रम के दौरान कहा कि मैं ‘मन की बात’ के श्रोताओं से आग्रह करूंगा कि वे महात्मा फुले, सावित्रीबाई फुले और बाबासाहेब अम्बेडकर से जुड़ी जगहों के दर्शन करने जरुर जाएं। आपको वहां बहुत कुछ सीखने को मिलेगा।
भारत की संस्कृति हमारी बहुत बड़ी ताकत है- पीएम मोदी
पीएम मोदी ने मन की बात में कहा कि पूरब से पश्चिम तक, उत्तर से दक्षिण तक भारत को यही विविधता, एक करके रखती हैं और एक भारत-श्रेष्ठ भारत बनाती हैं। इसमें भी हमारे ऐतिहासिक स्थलों और पौराणिक कथाओं, दोनों का बहुत योगदान है। भारत की संस्कृति, हमारी भाषाओं, हमारी बोलियां, हमारे रहन-सहन, खान-पान का विस्तार, ये सारी विविधताएं हमारी बहुत बड़ी ताकत है।