हाड़ौती में पर्यटन को प्रोत्साहित करने के प्रयास किए जाएंगे: केंद्रीय पर्यटन मंत्री

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नई दिल्ली। बूंदी को बावड़ियों के शहर के रूप में विकसित किया जाएगा। बारां स्थित रामगढ़ क्रेटर को भी वैश्विक मानचित्र पर लाने तथा पर्यटन का प्रमुख केंद्र बनाने के प्रयास होंगे। रणथम्भौर, रामगढ़ विषधारी तथा मुकुंदरा टाइगर रिजर्व भी प्रदेश में पर्यटन का नए आयाम देंगे। हाड़ौती में पर्यटन को प्रोत्साहित करने के लिए कई और कदम भी उठाए जाएंगे। यह निर्णय मंगलवार को लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला की अध्यक्षता में आयोजित केंद्र और राजस्थान सरकार के पर्यटन मंत्रालय की बैठक में लिए गए।

लोकसभा अध्यक्ष के कक्ष में केंद्रीय पर्यटन मंत्री जी. किशन रेड्डी तथा संस्कृति राज्य मंत्री अर्जुनराम मेघवाल की उपस्थिति में आयोजित बैठक में स्पीकर बिरला ने कहा कि दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस बनने का सबसे अधिक लाभ सवाई माधोपुर, बूंदी, कोटा और झालावाड़ को मिलेगा। सड़क मार्ग के जरिए बड़ी संख्या में देशी-विदेशी पर्यटक यहां आएंगे, जिन्हें अधिक समय तक यहां रोकने के लिए पर्यटन के क्षेत्र में काफी काम करने की जरूरत है।

बैठक में बूंदी को बावड़ियों का शहर बनाने, बूंदी में हेरीटेज वाॅक विकसित करने, बूंदी के किले, महल और चित्रशैली को नई पहचान दिलाने के लिए भी कार्य योजना तैयार की जाएगी। बारां में रामगढ़ क्रेटर को भी अब मान्यता मिल चुकी है। लेकिन यह स्थान अब भी पर्यटकों की नजरों से दूर है। इसे भी पर्यटन के नक्शे पर लाने के लिए कार्ययोजना तैयार की जाएगी।

केंद्रीय पर्यटन मंत्री जी. किशन रेड्डी तथा संस्कृति राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने कहा कि केंद्र सरकार राजस्थान में पर्यटन के विकास के लिए प्रतिबद्ध है। इसके लिए राज्य सरकार से जो भी प्रस्ताव आएंगे उन्हें केंद्र सरकार प्राथमिकता से स्वीकृत करने का प्रयास करेगी। बैठक में लोकसभा अध्यक्ष के ओएसडी राजीव दत्ता, आरटीडीसी के चेयरमैन धर्मेंद्र राठौड़ तथा केंद्र व राज्य पर्यटन मंत्रालय के कई अधिकारी भी उपस्थित रहे।

आध्यात्मिक सर्किट भी किया जाएगा विकसित
हाड़ौती में आध्यात्मिक सर्किट को भी विकसित किया जाएगा। इसमें बूंदी के केशवरायपाटन स्थित केशवराय मंदिर, कोटा के मथुराधीश मंदिर तथा झालावाड़ में कौल्वी की गुफाओं सहित हाड़ौती के प्रमुख पर्यटक स्थलों को शामिल करते हुए आध्यात्मिक सर्किट भी तैयार होगा।

एडवेंचर ट्यूरिज्म को मिलेगा बढ़ावा
स्पीकर बिरला ने कहा कि चंबल हाड़ौती सहित सम्पूर्ण राजस्थान के लिए वरदान है। चंबल में वाटर सफारी के साथ यहां एडवेंचर स्पोट्र्स को भी बढ़ावा दिया जाएगा। चंबल नदी में ही भारत का एकमात्र राष्ट्रीय घड़ियाल अभ्यारण्य है। इसमें घड़ियालों का संरक्षण करते हुए पर्यटकों को यहां तक लाने की कोशिश की जाएगी।

ग्रामीण और एग्री ट्यूरिज्म पर भी फोकस
हाड़ोती में ग्रामीण और एग्री ट्यूरिज्म की भी संभावनाएं तलाश की जाएंगी। कोटा डोरिया जैसे हस्तशिल्प को ग्रामीण पर्यटन का हिस्सा बनाया जाए। कोटा-बूंदी सहित सम्पूर्ण हाड़ौती क्षेत्र कृषि का एक बड़ा केंद्र हैं। यहां चावल, गेंहू, धनिया, संतरे, अमरूद की खेती प्रचूर मात्रा में होती है। यहां अब आर्गेनिक कृषि को भी बढ़ावा दिया जा रहा है। इसको देखते हुए इस क्षेत्र को एग्री ट्यूरिज्म को भी विकसित करने की विपुल संभावनाएं हैं।

मेलों को दिलाएंगे नई पहचान
बूंदी फेस्टीवल तथा कोटा के दशहरा मेले को नई पहचान दिलाने के लिए केंद्र और राज्य सरकार मिलकर काम करेंगे। बैठक में स्पीकर बिरला ने कहा कि राजस्थान के मेलों के प्रति भी पर्यटकों में आकर्षण है। इन मेलों की सोशल मीडिया के माध्यम से ब्रांडिंग और मार्केटिंग के लिए विशेषज्ञ एजेसियों का सहयोग लिए जाने की जरूरत है।