कोटा। स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्र में बड़ा बदलाव होने जा रहा है। देश में स्वास्थ्य सेवा की पहुँच बढ़ाने के लिए काम कर रही दो बड़ी कंपनियों ने हाथ मिलाया है। इससे मेडिकल स्टोर्स के बिजनेस में और वृद्धि होगी, स्वास्थ्य के क्षेत्र में मिलने वाली सुविधाओं का दायरा बढ़ेगा। किसी भी तरह की बीमारी होने की स्थिति में अब डॉक्टर के कंसलटेशन से लेकर दवा और स्वास्थ्य जांच सभी बहुत उचित दामों पर, तुरंत उपलब्ध हो सकेगी।
यह करार राजस्थान स्थित सेहत साथी ऐप और बेंगलुरु की हेल्थ टेक कंपनी मेडटेल के बीच हुआ है। इस समझौते के अनुसार अब मेडिकल स्टोर्स खुद को आई-लैब की तरह स्थापित कर पाएंगे। ये ऐसी लैब्स होंगी जिनके लिए किसी स्पेशलिस्ट की आवश्यकता भी नहीं होगी और लैब टेस्ट मेडिकल स्टोर्स पर ही किए जा सकेंगे। इसके साथ ही सेहत साथी एकमात्र ऐप होगा जो टेस्टिंग लैब को ढूंढने के बजाय नजदीकी मेडिकल स्टोर पर ही लैब टेस्ट कराने की सुविधा प्रदान करेगा।
मेडकॉर्ड्स के सीईओ श्रेयांस मेहता ने बताया कि मेडिकल स्टोर्स के कारोबार को बढ़ाने और लोगों की सुविधा बढ़ाने के उद्देश्य से यह पहल की गई है। इसके तहत मेडिकल स्टोर्स एक आई-लैब की तरह स्थापित की जाएगी। भारत में लैब टेस्ट के क्षेत्र में यह एक क्रांति की तरह होगा।
श्रेयांस मेहता ने बताया कि चिकित्सक, मेडिकल स्टोर और मरीज के कनेक्शन को सार्थक बनाने के साथ-साथ सबकी हेल्थ की जरूरतों को प्राथमिकता देने का उद्देश्य इससे पूरा हो सकेगा। सेहत साथी ऐप पर 40,000+ मेडिकल स्टोर्स रजिस्टर्ड हैं, लोग इन मेडिकल स्टोर्स से मुख्य लैब टेस्ट्स आसानी से बहुत न्यूनतम दाम पर करवा सकते हैं। जैसे-जैसे डिजिटाइजेशन होगा, हेल्थ केयर सेवाओं के क्षेत्र में और अधिक तेजी आएगी। ऐसे में आगामी कुछ समय में ही यह बदलाव लोगों के लिए बड़ी सुविधा जनक होगी। प्रारंभिक तौर पर जो मेडिकल स्टोर खुद को आई-लैब की तरह स्थापित करते हैं वो डायबिटीज, ब्लड प्रेशर, हृदय रोग, एनीमिया आदि के लिए लैब टेस्ट अपने हीं स्टोर पे अपने कस्टमर्स के लिए कर पाएंगे।
मेडटेल के सीईओ डॉ सौम्यकांत दास का कहना है कि भारत में लगभग नौ सौ मिलियन लोग (900 मिलियन) ग्रामीण-शहरी क्षेत्रों में रह रहे हैं। चिकित्सकों की कमी, हेल्थकेयर के संसाधनों का अभाव, कनेक्टिविटी की कमी और जागरुकता नहीं होने से देश में हेल्थकेयर सिस्टम कमजोर है। इन सभी चुनौतियों को सिर्फ टेली-क्लीनिक और स्मार्ट मॉनिटरिंग सिस्टम से ही निपटा जा सकता है। इसी माध्यम से कम संसाधनों के बावजूद ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंच बढ़ाई जा सकती है। आई-लैब मेडिकल स्टोर्स आईओटी आधारित टेली-डायग्नोस्टिक्स और उन्नत मल्टी-चौनल टेलीहेल्थ प्लेटफॉर्म्स से लैस होंगे।
तुरंत ही मोबाइल पर मिलेगी रिपोर्ट
डॉ. सौम्यकांत दास ने कहा कि सेहत साथी पर रजिस्टर्ड स्टोर को मेडटेल के टूल्स और डिवाइजेज के फ्री डेमो सेशन दिया जाएगा। एक बार फ्री डेमो बुक हो जाने पर मेडटेल की टीम संबंधित मेडिकल स्टोर से संपर्क करेगी और उन्हें डिवाइजेज के उपयोग, कार्यप्रणाली और टेस्ट्स करने के तरीकों के बारे में जरूरी जानकारी प्रदान करेगी। मेडटेल के पास वर्तमान में हेल्थ चेकअप के लिए 20 से ज्यादा डिवाइजेज हैं जिसकी मदद से स्वास्थ्य जांच की जा सकेगी। इन डिवाइजेज की मदद से मेडिकल स्टोर्स हर व्यक्ति के हेल्थ स्टेटस का विश्लेषण कर सकते हैं। व्यक्ति सीधे मेडिकल स्टोर से बीपी, शुगर, ईसीजी, लिपिड प्रोफाइल, कोलेस्ट्रॉल, हीमोग्लोबिन आदि का टेस्ट करवा सकते हैं।
ई-हेल्थ केयर को 13 गुना बढ़ाने की जरूरत
मेहता ने बताया कि स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के अनुसार, वित्त वर्ष 2025 तक ई-हेल्थकेयर के क्षेत्र को 13 गुना तक बढाने की जरुरत है। शहरी और ग्रामीण हेल्थ केयर की सुविधाओं के बीच अंतर को कम करने के लिए, नए स्टार्टअप्स टियर 2 और टियर 3 शहरों पर ज्यादा ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। मेडटेल और सेहत साथी भारत के कोने-कोने में रहने वाले लोगों तक मेडिकल सुविधाएं पहुंचाने के लिए एक साथ काम करके एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।