नई दिल्ली। देसी चने में पिछले एक पखवाड़े के अंतराल में 300 रुपए प्रति क्विंटल की गिरावट के बाद बाजार थोड़ा सुधर गए हैं। वर्तमान का मंदा केवल सरकारी चना सस्ते भाव में बिकने से आया है अन्यथा उत्पादक, वितरक एवं खपत तीनों ही तरह की मंडियों में देसी चने का स्टॉक नहीं है, जिससे सरकारी माल की बिक्री कम होते ही बाजार उछल जाएंगे। उत्पादक मंडियों में माल की कमी को देखकर यह जल्दी 5500-5600 रुपए लारेंस रोड पर बन सकता है।
ताजा सर्वे रिपोर्ट के मुताबिक देसी चने में पिछले एक पखवाड़े के अंतराल 300 रुपए प्रति क्विंटल की गिरावट आ चुकी है। यहां लारेंस रोड पर नीचे में 5100 रुपए बिकने के बाद आज 5200/5225 रुपए का व्यापार हो गया है।
गौरतलब है कि देसी चने की बिजाई 90 प्रतिशत हो चुकी है। शेष 10 प्रतिशत केवल पिछेती बिजाई होनी बाकी है। राजस्थान के नोहर, भादरा, सवाई माधोपुर, तारानगर, सरदारशहर, सादुलपुर लाइन में देसी चने की बिजाई में 10 प्रतिशत की कमी की खबर आ रही है, क्योंकि वहां सरसों का रकबा बढ़ा है। मध्य प्रदेश में भी बिजाई सामान्य से कुछ कम हुई है।
मध्य प्रदेश-छत्तीसगढ़ आदि सभी राज्यों में इस बार सरसों की बिजाई अधिक हुई है, क्योंकि इसमें किसानों को दोगुने भाव देखने को मिले हैं। गुजरात में जरूर देसी चने की बिजाई कुछ अधिक बता रहे हैं, लेकिन औसतन उत्पादन में चौतरफा कमी की ही संभावना है। इसका मुख्य कारण यह है कि किसान बिजाई के समय में जिस-जिस जिंस के भाव किसान ऊंचे देखते हैं, उसी की बिजाई भी करते हैं।
इस बार सरसों के भाव सीजन से लेकर लगातार अब तक ऊंचे देखने को मिले हैं। इस वजह से सभी राज्यों के किसानों का रुझान सरसों की बिजाई पर अधिक रहा है। हां, यह बात मानते हैं कि केंद्रीय पूल में स्टाक का चना बिक रहा है तथा पिछले जून के अंत से ही सरकार द्वारा महंगाई रोकने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई थी। देसी चने पर 31 अक्तूबर तक के लिए स्टॉक सीमा लगा दिया गया था, जिससे दहशत में आकर अधिकतर माल काटते चल गए।
सरकार द्वारा 4900/4950 रुपए के बीच खुले बाजार में बिक्री लगातार की गई। यही कारण है कि 5900 रुपए ऊपर में लारेंस रोड पर राजस्थानी चना बिकने के बाद नीचे में 5100 रुपए देख आया है। अब यहां से घटने की गुंजाइश बिल्कुल नहीं है। क्योंकि आगामी 3 महीने के अंतराल कोई नया माल आने वाला नहीं है। किसी भी उत्पादक, वितरक एवं खपत वाली मंडियों में ज्यादा स्टाक नहीं है। इन परिस्थितियों को देखते हुए थोड़ी सी ग्राहकी निकलने पर 5500-5600 रुपए बिक जाय तो कोई बड़ी बात नहीं है। अभी नई फसल आने तक घबराकर माल को काटना नहीं चाहिए।