मुंबई। मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह (Param Bir Singh) को भगोड़ा घोषित करने पर मुंबई की एक अदालत ने मुहर लगा दी है। सरकारी वकील शेखर जगताप (Shekhar Jagtap) ने बताया कि अदालत ने पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह को भगोड़ा अपराधी घोषित करने के मुंबई पुलिस के आवेदन को स्वीकार कर लिया है। मामलों की जांच कर रही मुंबई पुलिस की अपराध शाखा ने इसकी मांग की थी।
मालूम हो कि मुंबई की अपराध शाखा ने पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह को उपनगर गोरेगांव में एक पुलिस थाने में उनके एवं अन्य के खिलाफ दर्ज वसूली के मामले में भगोड़ा आरोपी घोषित करने की प्रक्रिया शुरू की थी। सरकारी वकील का कहना है कि यह कदम इसलिए उठाया गया है क्योंकि गैर जमानती वारंट जारी होने के बावजूद परमबीर सिंह का कोई पता नहीं चल पाया है कि वह कहां हैं।
मालूम हो कि यह मामला एक व्यक्ति की शिकायत पर दर्ज किया गया है। शिकायतकर्ता का दावा है कि आरोपियों ने पिछले साल जनवरी से लेकर मार्च 2021 तक उसके दो बार और रेस्त्रां पर छापा नहीं मारने के बदले में नौ लाख रुपए लिए। साथ ही अपने 2.92 लाख रुपये की कीमत के दो स्मार्टफोन खरीदने के लिए भी मजबूर किया। सरकारी वकील की मानें तो अदालत के इस फैसले से जांच एजेंसियों को परमबीर सिंह को तलाशने में मदद मिलेगी।
उल्लेखनीय है कि मुंबई की एक मजिस्ट्रेट अदालत भी मरीन ड्राइव थाने में दर्ज रंगदारी के एक मामले में मुंबई पुलिस के पूर्व आयुक्त परमबीर सिंह के खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी कर चुकी है। अन्य अदालतों ने भी मुंबई के गोरेगांव और ठाणे जिले में दर्ज रंगदारी के दो अन्य मामलों में गैर-जमानती वारंट जारी किए हैं। समाचार एजेंसी पीटीआइ की रिपोर्ट के मुताबिक, परमबीर सिंह के खिलाफ अब तक तीन गैर-जमानती वारंट जारी किए जा चुके हैं।
बता दें कि रियल एस्टेट डेवलपर श्यामसुन्दर अग्रवाल ने इस साल 22 जुलाई को मरीन ड्राइव थाने में एक शिकायत दर्ज कराई थी, जिसके आधार पर सिंह और सात अन्य के खिलाफ रंगदारी का मामला फाइल किया गया था। मामले में परमबीर सिंह और सात अन्य के नाम हैं। आरोपियों में पांच पुलिस अधिकारी हैं। एक गैर-जमानती वारंट अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट आरएम नेरलिकर की ओर से जारी किया गया था।