फ़सल बढ़िया रहने के बावजूद अखरोट में तेज़ी के संकेत

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नई दिल्ली। अखरोट की घरेलू फसल बढ़िया होने के बावजूद अमेरिकन फसल में पोल निकलने की खबरों से नई फ़सल आने से पूर्व कीमतों में अच्छी तेजी के आसार दिखाई दे रहे है। इस बार कोविड-19 महामारी के दौरान अखरोट-गिरी की खपत ही अन्य वर्षों अपेक्षा अधिक हुई है। इन सभी परिस्थितियों में अब घरेलू माल धीरे-धीरे शॉर्टेज में आने लगा है, जिससे आगे चलकर अखरोट व इसकी गिरी की कीमतों में 100/200 रूपए की तेजी आने के संकेत मिल रहे है।

बाज़ार विशेषज्ञों के अनुसार, सर्दी का मौसम शुरू होते ही अखरोट में लोकल तथा दिसावर की मांग निकलने लगी है। दूसरी ओर, वैश्विक बाजार में अखरोट की कीमतें ऊँची रहने से वहां के पड़ते काफी महंगे हो गये है। वही, घरेलू मंडियों में भी अब मॉक का स्टॉक ज्यादा नही है।

जानकार विशेषज्ञ मानते है कि अखरोट का उत्पादन मुख्य रूप से कश्मीर के कुपवाड़ा, पंपोर एवं श्रीनगर के साथ-साथ पाकिस्तान की घाटियों में मुख्य रूप से होता है।
दूसरी ओर, बीते वर्ष अखरोट की घरेलू फसल बढ़िया आने के बावजूद घरेलू उत्पादन की अपेक्षा खपत 38-40 फीसदी अधिक रहने से इसकी पूर्ति अमेरिका सहित अन्य दूसरे कम तापमान वाले देशों से आयात करके पूरी की जाती रही है।

जानकारों के अनुसार, बीते दिनों में अमेरिका के कैलिफोर्निया से मिली खबर के मुताबिक वहां पर आने वाली फसल कमज़ोर बतायी जा रही थी, जिससे पुराना स्टॉक वहां नही रहने से अखरोट की गिरी की कीमत ऊंची बोलने लगे हैं। इन सभी परिस्थितियों को देखते हुए आने वाले एक माह में अखरोट में 100 रुपए एवं इसकी गिरी 250/300 रुपए प्रति किलो की तेजी के आसार बनने लगे है।

गौरतलब रहे कि वर्तमान में अखरोट व इसकी गिरी का व्यापार गोदामों से लगातार निकाले जा रहे माल के आधार पर ही पूरा किया जा रहा है। खारी बावली,दिल्ली के थोक ड्राई फ्रूट बाज़ार में अखरोट व गिरी की बड़ी कमी महसूस की जा रही है, जबकि पीछे से माल मंगाने में काफी महंगा पड़तल लग रही है। वर्तमान दिल्ली थोक किराना बाज़ार में अखरोट की कीमतें 325/375 रूपए व इसकी गिरी का व्यापार क्वालिटीनुसार औसत माल 800/900 रूपए एवं बढ़िया माल का व्यापार 1000/1200 रूपए प्रति किलो पर सुना जा रहा है।

जानकारों के अनुसार, वर्तमान में कैलिफोर्निया से अखरोट का आयात लगभग बीते वर्ष के बराबर की मात्रा पहले ही आकर खप चुका है। जबकि कोविड-19 महामारी के दौरान गिरी की औसतन ख़पत दुगने स्तर से अधिक की रहने के अनुमान है। आयुर्वेद के अनुसार अखरोट की गिरी की ख़पत से शरीर में कैल्शियम एवं इम्यूनिटी दोनों की उपस्थिति मज़बूत होती है। यही वज़ह है कि इसकी खपत लगातार बढ़ रही है।

बाजार के जानकार मानते है कि *कैलिफोर्निया में अख़रोट की क़ीमतें पहले ही काफी बढ़ चुकी है, जिससे माल की कमी को देखते हुए कैलिफोर्निया के निर्यातक शिपमेंट देने से पीछे हटने लगे है। इन सभी परिस्थितियों को देखते हए वर्तमान कीमतों पर अखरोट का आगे का व्यापार भरपूर लाभकारी रहने वाला है।