जयपुर। इस बार नागौर, नोखा और बाङमेर क्षेत्र में ईसबगोल की बुवाई पिछ्ले साल कि तुलना में 70-75 % होने की संभावना है क्योंकि दो वर्ष से अधिक बार ईसबगोल की खेती लगातार होने पर उत्पादन बहुत कम होता है। पिछले वर्ष ईसबगोल में उतारा कम होने से इस बार किसानों में रूचि कम है । रायडा / सरसों के अच्छे भाव होने से इस बार किसानों का रूझान रायङा की तरफ ज्यादा है।
ईसबगोल में जोखिम अधिक रहता है वह फसल कटाई के समय मजदूरों की समस्या रहती हैं, मजदूरी भी रायडा से डबल लगती है। आधे से ज्यादा किसानों को फसल का सही भाव नहीं मिलता है। हमेशा ही अप्रैल और मई माह में ईसबगोल के भाव 1700 से 1900 रुपये रहते हैं।
अभी 10 नवम्बर तक ईसबगोल की बुवाई पिछले साल इसी अवधि की तुलना मे 50 % से भी कम बुवाई हुई है। अभी तक रायङा की बुवाई दुगुनी लग रही हैं