नई दिल्ली। किसान आंदोलन के बीच केंद्र सरकार ने बुधवार को एक बड़ा कदम उठाते हुए मौजूदा फसल वर्ष के लिए गेहूं और सरसों समेत 6 रबी फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) में इजाफे का ऐलान किया। गेहूं की एमएसपी 40 रुपए प्रति क्विंटल बढ़ा दी गई है। इजाफे के बाद 2,015 रुपए प्रति क्विंटल की न्यूनतम कीमत पर गेहूं की खरीद होगी। इसके अलावा सरसों की एमएसपी 400 रुपए प्रति क्विंटल बढ़ाकर 5,050 रुपए कर दी गई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुआई में कैबिनेट कमिटी ऑन इकॉनमिक अफेयर्स (CCEA) की बैठक में यह फैसला लिया गया है।
जौ की एमएसपी 35 रुपए बढ़ाकर 1635 रुपए प्रति क्विंटल कर दी गई है। चने की कीमत 130 रुपए बढ़ाकर 5,230 रुपए प्रति क्विंटल कर दी गई है। मसूर की एमएसपी 400 रुपए बढ़ाने के बाद 5,500 रुपए प्रति क्विंटल हो गई है। कुसुम की एमएसपी 114 रुपए बढ़ाकर 5,441 रुपए प्रति क्विंटल करने का फैसला लिया गया है।
एमएसपी (न्यूनतम समर्थन मूल्य) वह कीमत है जिस पर सरकार किसानों से फसल की खरीद करती है। इस समय सरकार खरीफ और रबी सीजन के 23 फसलों के लिए एमएसपी तय करती है। रबी फसलों की बुआई अक्टूबर में खरीफ फसल की कटाई के तुरंत बाद होती है। गेहूं और सरसों रबी सीजन के दो मुख्य फसल हैं।
आधिकारी रूप से दी गई जानकारी में कहा गया है कि सीसीईए ने 2021-22 फसल वर्ष और 2022-23 मार्केटिंग सीजन के लिए छह रबी फसलों की एमएसपी बढ़ाई है। गेहूं की एमएसपी इस साल 40 रुपए बढ़ाकर प्रति क्विंटल 2,015 रुपए कर दी गई है, जोकि पिछले सीजन में 1,975 रुपए थी। प्रति क्विंटल गेहूं की अनुमानित लागत 1008 रुपए प्रति क्विंटल है। सरकार ने 2021-22 खरीद सीजन में रिकॉर्ड 4.3 करोड़ टन गेहूं की खरीद की थी।
क्या दूर होगी किसानों की नाराजगी?
मोदी सरकार ने एमएसपी में इजाफे का फैसला ऐसे समय पर लिया है जब एक बार फिर किसानों ने नए कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन को तेज कर दिया है। हाल ही में किसान संगठनों ने उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में महापंचायत की है। कुछ ही महीनों बाद यूपी, पंजाब सहित 5 राज्यों में चुनाव होने जा रहे हैं। माना जा रहा है कि यूपी और पंजाब में बीजेपी को किसानों की नाराजगी का भी सामना करना पड़ सकता है।