नई दिल्ली। देश की सबसे बड़ी कार निर्माता कंपनी मारुति सुजुकी इंडिया पर कंपटीशन कमीशन ऑफ इंडिया (CCI) ने बड़ी कार्रवाई की है। मारुति सुजुकी पर प्रतिस्पर्धा-विरोधी प्रथाओं (Anti-competitive practices) के लिए 200 करोड़ रुपए का जुर्माना लगाया गया है। मारुति सुजुकी इंडिया पर आरोप लगा था कि वह डीलर्स द्वारा ग्राहकों को ज्यादा डिस्काउंट देने से रोकती है। इस पर CCI ने जांच के बाद यह कार्रवाई की है।
CCI ने जांच के आधार पर एक आदेश जारी किया है। इसमें CCI ने मारुति को इस तरह के काम बंद करने और इनमें शामिल होने से रोकने का निर्देश दिया है। इसके साथ ही कंपनी को 60 दिनों में जुर्माना जमा करने के लिए भी कहा है।
कंपटीशन कमीशन ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक मारुति सुजुकी पर आरोप लगा था कि कंपनी अपने डीलर्स को उनके द्वारा दिए जाने वाले डिस्काउंट को सीमित करने के लिए मजबूर करती है। डीलर्स को ग्राहकों को अतिरिक्त छूट देने की अनुमति नहीं है।
अगर कोई डीलर ज्यादा डिस्काउंट की देता है तो उस पर जुर्माना लगाया जाता है। इसे MSIL की डिस्काउंट कंट्रोल पॉलिसी का नाम दिया गया है। MSIL ने अपनी डीलरशिप के भीतर कार्टेल बनाने के लिए इस पॉलिसी को जारी किया था। जांच में ये आरोप सही पाए गए हैं।
2017 में CCI को मिले एक बेनाम ई-मेल के आधार पर आयोग ने इस मामले को संज्ञान में लिया था। यह ई-मेल मारुति सुजुकी इंडिया लिमिटेड के डीलर द्वारा भेजा गया था। ई-मेल में कंपनी पर आरोप लगाया गया था कि मारुति सुजुकी इंडिया की बिक्री नीति उपभोक्ताओं के हितों के साथ ही साथ प्रतिस्पर्धा कानून 2002 के प्रावधानों के खिलाफ है।
डीलर ने आरोप लगाया था कि वेस्ट-2 रीजन (मुंबई और गोवा को छोड़कर महाराष्ट्र राज्य) में मारुति सुजुकी के डीलर्स को कंपनी द्वारा घोषित उपभोक्ता ऑफर में उल्लेखित सीमा से अधिक डिस्काउंट देने की अनुमति नहीं है।