अतिवृष्टि से कोटा संभाग में 3.66 लाख हैक्टेयर में हुआ फसलों काे नुकसान

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कोटा। हाड़ाैती में अतिवृष्टि व बाढ़ से चाैपट हुई फसलाें का प्रारंभिक सर्वे करने के लिए कृषि विभाग जयपुर से आए अधिकारियाें ने मंगलवार काे भी क्षेत्र के गांवाें में पहुंचे। 3.66 लाख हैक्टेयर में फसलें बर्बाद हुई हैं। अतिरिक्त निदेशक कृषि एचएस मीना ने पीपल्दा क्षेत्र का जायजा लिया। उन्हाेंने दीगाेद, सुल्तानपुर, बड़ाैद, ढीपरी कालीसिंध, बिनायका, गणेशगंज, इटावा, के गांवाें का सर्वे किया।

प्रारंभिक सर्वे के अनुसार क्षेत्र में 80-90 फीसदी फसलें खराब हुई हैं। खाताैली, बालूपा, बागली क्षेत्र में भी कमाेवेश ऐसे ही हालात मिले। मीना ने बताया कि सर्वे के दाैरान सांगाेद क्षेत्र के 20 पटवार मंडलाें में ताे 100 प्रतिशत फसलें बाढ़ से चाैपट हाे गईं। वहीं अन्य क्षेत्राें में 50-60 व दीगाेद में 60-70 फीसदी खराबा हुआ है।

फसल बीमा वालों को ही मिलेगा मुआवजा:कृषि आयुक्त जयपुर मुख्यालय ओम प्रकाश नेे केशवरायपाटन और हिंडाैली क्षेत्र में लिया। उन्हाेंने कलेक्टर उज्ज्वल राठाैड़ से फसल खराबे काे लेकर चर्चा की। इधर, सूत्राें ने बताया कि जिन किसानाें ने फसल बीमा करवा रखा है। बीमा कंपनी उन्हें ही मुआवजा देगी। गैर बीमित किसानाें काे मुआवजा के लिए सरकार के स्तर पर ही कोई फैसला लिया जा सकता है।

कृषि आयुक्त डॉ. ओमप्रकाश ने बताया कि फसल खराबे की सूचना बीमा कंपनी के टोल फ्री नंबर पर 72 घंटे के अंदर दर्ज करवाएं। कोटा की कृषक बजाज एलाइन्ज जनरल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड के टाेल फ्री नंबर 18002095959 हैं। कृषि पर्यवेक्षक से फाॅर्म प्राप्त कर बैंक की पासबुक, नवीन जमाबंदी की नकल व आधार कार्ड की फोटो प्रति 7 दिन के अंदर कृषि विभाग और बीमा कम्पनी के प्रतिनिधि को प्रस्तुत कर सकते हैं।

2,14,321 हैक्टेयर में साेयाबीन और 93,636 हैक्टेयर में उड़द काे नुकसान
संयुक्त निदेशक कृषि डाॅ. रामअवतार शर्मा ने बताया कि संभाग में कुल 10 लाख 42 लाख 503 हैक्टेयर में खरीफ की फसलाें की बुआई हुई थी। इसमें 6 लाख 38 हजार 421 हैक्टेयर में सोयाबीन, 1 लाख 70 हजार 165 हैक्टेयर में उड़द, 89 हजार 771 हैक्टेयर में मक्का आदि फसलों की बुवाई हुई थी।

प्रारंभिक सर्वे के अनुसार अतिवृष्टि से सर्वाधिक नुकसान इन्हीं फसलों काे हुआ है। वर्तमान आंकड़ों के अनुसार अब तक संभाग में सोयाबीन की 2 लाख 14 हजार 321 और उड़द की 93 हजार 636 हैक्टेयर क्षेत्रफल में अतिवृष्टि के कारण नुकसान हुआ है। कुल मिलाकर 3.66 लाख हैक्टेयर में फसलें बर्बाद हुई हैं।