कोटा। केन्द्र सरकार ने 16 जून से स्वर्णाभूषणों पर हॉलमार्क लगाना अनिवार्य कर दिया था। अभी तक 14, 18, 22 कैरेट शुद्धता वाले जेवरों पर ही हॉलमार्क लगता रहा है, परन्तु अब भारतीय मानक ब्यूरो ने तीन नई केटेगिरी 20, 23 और 24 कैरेट में निर्मित ज्वैलरी पर भी हॉलमार्क स्वीकृति प्रदान कर दी है। इससे हाड़ौती क्षेत्र के सर्राफा व्यापारियों में खुशी की लहर दौड़ गई।
श्री सर्राफा बोर्ड के अध्यक्ष सुरेन्द्र गोयल विचित्र ने बताया कि उत्तर भारत में इन केटेगरी के जेवर ज्यादा प्रचलित हैं और इन पर हॉलमार्क नहीं लगने से व्यापार प्रभावित हो रहा था। अब हॉलमार्क के लिए छह मानक हो गए हैं। उन्होंने कहा कि मंगलवार से बीआईएस ने 20 और 23 कैरेट के जेवरों पर हॉलमार्किंग शुरू करने का अपडेट कर दिया है। 24 कैरेट पर तकनीकी कारणों से नहीं हो पाया है जो जल्द ही अपडेट होगा। विचित्र ने कहा कि सरकार का उद्देश्य है कि ग्राहकों को शुद्धता की गारंटी मिले। हॉलमार्क जेवर मिलने से ग्राहक को संतुष्टि होगी।
विचित्र ने कहा कि 20 कैरेट पर भी हॉलमार्क स्वीकृति के लिए हम चार साल से प्रयासरत थे। हमारे निवेदन पर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने भी सरकार तक हमारी मांग पहुंचाई थी। हमें खुशी है कि केंद्र सरकार ने हमारी मांग को स्वीकार किया। अब शहर के सभी छोटे बड़े व्यापारी अपना ब्रांड स्थापित करते हुए एक नई प्रतिष्ठा कायम कर सकेंगे और व्यापार में वृद्धि करेंगे।
हॉलमार्क सेंटर बढ़ाने की मांग: विचित्र ने कहा कि कोटा में हॉलमार्किंग करने के लिए केवल दो ही सेंटर थे जिनमें से भी एक सेंटर लंबे समय से बंद है और पूरे जिले में पांच सौ से ज्यादा दुकानें संचालित है। इन सभी दुकानदारों के पास हजारों की तादाद में छोटी बड़ी साइज के जेवर है। ऐसे में सभी माल पर हॉलमार्क करवाने में समय अधिक लगेगा। यह परेशानी हमने सरकार तक पहुंचाते हुए इस कानून को सरलीकरण करने, पुराने स्टॉक पर हॉलमार्क करने का समय बढ़ाने और अधिक सेंटर खोलने के प्रयास का अनुरोध किया है।