नई दिल्ली। फिच सॉल्यूशंस ने सोमवार को कहा कि सरकार द्वारा घोषित हाल के राहत पैकेज से आर्थिक ग्रोथ को सहारा मिलेगा। आने वाले तिमाहियों में रोजगार, कर्ज और मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में सुधार के चलते इकोनॉमी में सुधार देखने को मिल सकता है। लेकिन, वास्तविक वित्तीय प्रभावों का पता लगाना मुश्किल है।
अपने बयान में फिच सॉल्यूशंस ने कहा कि आने वाले तिमाहियों में देश की इकोनॉमी में सुधार को सरकार द्वारा घोषित योजनाओं से सहारा मिलेगा। उदाहरण के लिए प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव (PLI) के तहत 10 सेक्टर्स को अगले पांच सालों में 1.45 लाख करोड़ रुपए की सहायक राशि दी जाएगी। इसका प्रभाव भी वित्त वर्ष 2021-22 से दिखाई देगा।
RBI को मंदी की आशंका
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के अर्थशास्त्रियों दूसरी तिमाही में धीमापन की स्थिति देश को अभूतपूर्व मंदी की ओर ले जा रही है। RBI ने 11 नवंबर को जारी ‘नाउकास्ट’ इंडेक्स में दर्शाया था कि सितंबर में खत्म हुई दूसरी तिमाही में सकल घरेलू उत्पाद (GDP) 8.6% गिर सकता है। यह हाई फ्रीक्वेंसी डेटा पर आधारित अनुमान है। इससे पहले, अप्रैल से जून की तिमाही में अर्थव्यवस्था में 23.9% की गिरावट आई थी। RBI द्वारा हर महीने ‘nowcast’ बुलेटिन जारी किया जाता है।
अर्थशास्त्रियों ने कहा कि भारत इतिहास में पहली बार 2020-21 की पहली छमाही में तकनीकी मंदी (technical recession) में प्रवेश किया है। सरकार की तरफ से 27 नवंबर को अर्थव्यवस्था के आंकड़े प्रकाशित किये जाने हैं। वहीं, फिच सॉल्यूशन ने FY2020/21 में GDP के 7.8% के राजकोषीय घाटे का अनुमान बरकरार रखा है, जो केंद्र सरकार के लक्षित कर्ज 13 लाख करोड़ रुपए से अधिक है।
रोजगार के अवसर
11 नवंबर को केंद्रीय मंत्रिमंडल ने PLI स्कीम के तहत 10 सेक्टर्स को प्रोत्साहन राशि देने की घोषणा की थी। इसमें फार्मा और ऑटो सेक्टर शामिल हैं। स्कीम से देश की मैन्युफैक्चरिंग क्षमता और निर्यात में बढ़ोतरी देखने को सपोर्ट मिलेगा। 1.45 लाख करोड़ रुपए के इस राहत पैकेज में EPFO सब्सिडी को शामिल नहीं किया गया है। केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावडेकर ने PLI स्कीम पर कहा था कि इससे रोजगार के नए अवसर मिलेंगे।