नई दिल्ली। बैंकों में अब अपना पैसा जमा करने और निकालने के लिए भी फीस देना पड़ेगी। बॉब ने इसकी शुरुआत भी कर दी है। अगले महीने से तय सीमा से ज्यादा बैंकिंग करने पर अलग से शुल्क लगेगा। इस पर बैंक ऑफ इंडिया, पीएनबी, एक्सिस और सेंट्रल बैंक भी जल्द फैसला लेंगे।
बैंक ऑफ बड़ौदा ने चालू खाते, कैश क्रेडिट लिमिट और ओवरड्राफ्ट अकाउंट से जमा-निकासी के अलग और बचत खाते से जमा-निकासी के अलग-अलग शुल्क निर्धारित किए हैं। लोन अकाउंट के लिए महीने में तीन बार के बाद जितनी बार ज्यादा पैसा निकालेंगे, 150 रुपये हर बार देने पड़ेंगे। बचत खाते में तीन बार तक जमा करना मुफ्त मगर चौथी बार जमा किया तो 40 रुपये देने होंगे। वरिष्ठ नागरिकों को भी बैंकों ने कोई राहत नहीं दी है।
सीसी, चालू और ओवरड्राफ्ट खातों के लिए
- एक दिन में एक लाख तक जमा – निशुल्क
- एक लाख से ज्यादा होने पर – एक हजार रुपये पर एक रुपए चार्ज (न्यूनतम 50 रुपये और अधिकतम 20 हजार रुपये)
- एक महीने में तीन बार पैसा निकालने पर- कोई शुल्क नहीं
- चौथी बार से- 150 रुपये प्रत्येक विड्रॉल
बचत खाता ग्राहकों के लिए
- तीन बार तक जमा – निशुल्क
- चौथी बार से देना होगा – 40 रुपये हर बार
- महीने में तीन बार खाते से पैसा निकालने पर- कोई शुल्क नहीं
- चौथी बार से पैसा निकालने पर देना होगा- 100 रुपये हर बार
- वरिष्ठ नागरिकों को कोई छूट नहीं मिलेगी। उन्हें भी शुल्क देना होगा
- जनधन खाताधारकों को जमा करने पर
बैंकों ने चुपके से लगा दिए ऐसे-ऐसे शुल्क: बैंकों ने घाटे की भरपाई के लिए ग्राहकों पर ऐसे-एसे शुल्क लगा दिए हैं जिन्हें पहली कभी नहीं लिया गया। फोलियो चार्ज के नाम पर बैंकों को मोटी कमाई होती है। 25-30 साल पहले ग्राहकों के लेनदेन का ब्योरा बैंक रजिस्टर में दर्ज करते थे, जिसे फोलियो कहा जाता था। उस दौर में, जब हाथ से फोलियो पर एक-एक राशि चढ़ाई जाती थी, तब बैंक इसका कोई शुल्क ग्राहकों से नहीं लेते थे। आज डिजिटल दौर में सॉफ्टवेयर ऑटोमेटिक फोलियो बनाता है, तब बैंक ग्राहकों से फोलियो चार्ज वसूल रहे हैं। वहीं, चाहे रिजेक्ट भी हो जाए तो भी बैंक को प्रोसेसिंग चार्ज के नाम पर कुछ राशि काट लेते हैं।
- लेजर फोलियो चार्ज: 200 रुपये प्रति पेज (किसी भी तरह के लोन पर सीसी या ओडी पर वसूला जाता है।)
- चेकबुक चार्ज: 3 से 5 रुपये प्रति लीफ (दूसरी चेकबुक पर)
- किसी भी कारण से चेक वापसी हो गई तो: 225 रुपये
- चार्ज छोटे लोन पर: अधिकतम 15 हजार रुपये तक