कोटा। भारत सरकार के यूनिक आइडेंटिफिकेशन ऑथोरिटी ऑफ इंडिया (यूआईडीएआई) के सहायक निदेशक पंकज गोयल की गिरफ्तारी के बाद एसीबी की नजर अब प्रदेश में सक्रिय दलालों पर हैं। एक चौंकाने वाला खुलासा यह हुआ है कि प्रदेश में आधार कियोस्क खोलने के लिए ही पैसों की मांग करने के लिए एक सपोर्ट सिस्टम चल रहा था, यानी दलालों का नेटवर्क। इसे ऐसे चलाया जा रहा था कि जैसे किसी फरियादी को आधार कियोस्क खुलवाना है तो वो सबसे पहले अपने जिले में आवेदन करेगा। वहां से सेंशन होकर फाइल जयपुर जाएगी और फिर वहां से दिल्ली।
दिल्ली जाकर फाइल अटक जाती थी। इसके बाद शुरू होता एलएसपी का खेल। एलएसपी यानी सरकार और प्राइवेट व्यक्ति के बीच का वो रास्ता जिससे आम आदमी का काम आसान हो, लेकिन एलएसपी इसके एवज में पैसे मांगने लग जाते। इस मामले में भी सूचना प्रौद्योगिकी विभाग में एलएसपी एनरोलमेंट एजेंसी के पद पर कार्यरत तंवर कंप्लीट सॉल्यूशन के डायरेक्टर हंसराज तंवर द्वारा इनलीगल डिमांड करना इसका प्रमाण है।
अब एसीबी यह खंगालने में जुटी हुई है कि किस का काम अटका हुआ है और किस का नहीं? यह जानकारियां एलएसपी के पास कहां से आती थी। एसीबी का पहला शक पंकज गोयल पर हैं क्योंकि वो रंगे हाथों पकड़ा गया है। ऐसे में एसीबी के अधिकारी इस बात से स्पष्ट रूप से इनकार नहीं कर पा रहे हैं कि गोयल ने पूरे प्रदेश में दलालों का नेटवर्क डवलप कर दिया था।
जबकि एसीबी के उच्च सूत्रों और जयपुर व अजमेर से मिली जानकारी के अनुसार तो गोयल के अनुचित वरदहस्त के बाद दलालों ने खुद का एक कॉल सेंटर तक डवलप कर दिया था, जिससे वो ऐसे पीड़ित लोगों को फोन करते थे, जिनका काम दिल्ली में अटका था। उसे खुलेआम रिश्वत देने को बोलते और पैसे देने के बाद चुटकियों में काम करवा देते थे। अब एसीबी इन कड़ियों को जोड़ने में जुट गई है।
कोटा एसीबी की टीम यूनिक आइडेंटिफिकेशन ऑथोरिटी ऑफ इंडिया के सहायक निदेशक पंकज गोयल को गिरफ्तार करके बुधवार अलसुबह कोटा पहुंची। एएसपी ठाकुर चंद्रशील ने उसे बुधवार शाम को न्यायधीश के समक्ष पेश किया। जैसे ही पंकज गोयल को कोर्ट ले जाने लगे तो उसने मीडिया को देखते ही अपना मुंह छुपा लिया। जबकि वो दिल्ली में हंसते हुए रिश्वत लेता था। वहीं, एसीबी ने आरोपी गोयल को एसीबी कोर्ट के न्यायाधीश प्रमोद कुमार मलिक के समक्ष पेश किया और रिमांड मांगा।
न्यायाधीश ने मामले को गंभीर मानते हुए एसीबी को दो दिन का रिमांड लेने की इजाजत दी है। गौरतलब है कि सहायक निदेशक नाम पंकज गोयल को कोटा एसीबी ने दिल्ली में उसके दफ्तर से ही मंगलवार को 1 लाख की रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया था। रिश्वत आधार पहचान पत्र बनवाने की फ्रेंचाइजी देने के नाम पर मांगी जा रही थी।