नई दिल्ली। पड़ोसी देश नेपाल से भारत का संबध फिलहाल बेहद ही खराब दौर में है। नेपाल की संसद ने देश के विवादित राजनीतिक नक्शे को अपनी मंजूरी अपने हिस्से में शामिल करने की मंजूरी दे दी है। हमेशा दोनों देशों के लोगों की आवाजाही के लिए खुली रहने वाली सीमा पर हथियारबंद जवान तैनात कर दिए हैं।
नेपाल ने नए नक्शे में भारत के तीन इलाके लिपुलेख, कालापानी और लिम्पियाधुरा को अपना हिस्सा बताया है। माना जा रहा है कि नेपाल को इसके लिए चीन ने उकसाया है। इसमें खासकर नेपाल में चीन की राजदूत होऊ यांगी का नाम सामने आ रहा है, जिसने प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली को इस भारत के खिलाफ जाने के लिए राजी किया।
साल 2018 से नेपाल में चीन की राजदूत के रूप में काम कर रही होऊ यांगी को होऊ यांग दक्षिण एशियाई मामलों का जानकार माना जाता है। इसी लिहाज से यांगी ने विदेश मंत्रालय में लंबे वक्त तक डिप्टी डायरेक्टर की भूमिका निभाई और कई अहम फैसले लिए। उनके कई फैसले से चीन का संबंध पड़ोसी देशों से प्रभावित हुआ। यांगी ने चीनी राजदूत के तौर पर पाकिस्तान में भी तीन साल बिताए हैं।
भारतीय खुफिया एजेंसियों के अनुसार यांगी ने पाकिस्तान में राजदूत के रूप में काम करते हुए पाकिस्तानी सरकार के लिए भी कई नीतियों पर काम किया है। इसमें से कई नीतियां ऐसी भी थी जिनका संबध भारत से था। पाकिस्तान में उनकी सफलता को देखते हुए उन्हें नेपाल भेजा गया। भारत और नेपाल के रिश्तों में पहली बार इतनी कड़वाहट आई है। दोनों देशों के बीच बेटी और रोटी का संबंध है।
नेपाल ने जबसे विवादित नक्शा को अपने हिस्से में शामिल किया है, तभी से दोनों देशों के बीच तल्खियां बढ़ी हैं। माना जा रहा है कि नेपाल की इस खुराफात के पीछे यांगी का ही हाथ है। उन्होंने ही पीएम ओली और नेपाल की संसद को इसके लिए तैयार किया। जानकारी के मुताबिक यांगी पीएम ओली के दफ्तर और उनके निवास पर भी बिना रोक टोक ही आती जाती हैं। यह भी कहा जा रहा है कि नेपाल की सत्तासीन पार्टी के जिस प्रतिनिधिमंडल ने नक्शे में संशोधन के लिए विधेयक बनाया, यांगी उसके संपर्क में भी थीं।
सोशल मीडिया पर एक्टिव रहने वाली यांगी के कूटनीतिक दिमाग का अंदाजा इस बात से ही लगाया जा सकता है कि उन्होंने पाकिस्तान में अपने एजेंडे को चलाने के लिए उर्दू भाषा सीखी। यांगी सोशल मीडिया में चीन की सांस्कृतिक और सामाजिक बातों का बढ़चढ़ कर बखान करती है। इसे सॉफ्ट पॉवर बढ़ाना कहा जाता है।
पूर्वी लद्दाख में गलवां घाटी क्षेत्र में हुई भारतीय और चीनी सैनिकों की हिंसक झड़प में 20 भारतीय सैनिक शहीद हो गए थे। दोनों देशों बीच बढ़ती तकरार के बीच नेपाल के ऐसे कदम उठाना किसी बड़ी साजिश के संकेत दे रहा हैं। हालांकि नेपाल में अब केपी शर्मा ओली की पार्टी ने उन्हें पद से हटाने के लिए बगावती तेवर अपना लिए हैं। हाल ही में ओली ने इशारों-इशारों में ही कहा था कि भारत उन्हें पीएम के पद से हटाने की साजिश रच रहा है।