नई दिल्ली। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 20 लाख करोड़ रुपये से अधिक के विशेष आर्थिक पैकेज से जुड़ा पूरा ब्योरा देश के सामने रख दिया है। सरकार ने कोविड-19 से मुकाबला, लॉकडाउन से प्रभावित लोगों और उद्योगों की सहायता और देश को आत्मनिर्भर बनाने के लिए इस पैकेज का एलान किया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 12 मई, 2020 को राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में इस विशेष आर्थिक पैकेज का एलान किया था। यह आर्थिक पैकेज देश की जीडीपी के लगभग 10 फीसद के बराबर है।
वित्त मंत्री बुधवार से हर दिन प्रेस कॉन्फ्रेंस के जरिए पैकेज से जुड़ा ब्योरा साझा कर रही थी। ऐसे में आप सभी लोगों के मन में यह बात होगी कि आखिर सरकार किन चीजों पर इतनी बड़ी राशि खर्च कर रही है। ऐसे में हम इस विशेष आर्थिक सहायता पैकेज का पूरा ब्रेकअप आपके सामने प्रस्तुत कर रहे हैंः
आत्मनिर्भर भारत पैकेज के तहत अब तक घोषित की गई राशि का पूरा हिसाब
पैकेज का चरण | घोषित राशि (करोड़ रुपए में) |
बुधवार, 13 मई 2020 को वित्त मंत्री द्वारा घोषित पैकेज | 5,94,550 |
गुरुवार, 14 मई को वित्त मंत्री द्वारा घोषित पैकेज | 3,10,000 |
शुक्रवार, 15 मई को वित्त मंत्री द्वारा घोषित पैकेज | 1,50,000 |
शनिवार और रविवार, 16 और 17 मई को वित्त मंत्री द्वारा घोषित पैकेज | 48,100 |
प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना सहित पुराने पैकेज | 1,92,800 |
आरबीआई के कदम, जो अब तक लागू हो चुके हैं | 8,01,403 |
कुल | 20,97,053 |
हाल में घोषित पैकेज से पहले किए गए उपाय
- 22 मार्च, 2020 से कर में दी गई छूट के कारण राजस्व में आई कमी – 7,800 करोड़ रुपये
- प्रधानमंत्री गरीब कल्याण पैकेज (PMGKP)- 1,70,000 करोड़ रुपये
- स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए प्रधानमंत्री की ओर से की गई घोषणाएं- 15,000 करोड़ रुपये
उल्लेखनीय है कि सरकार ने मार्च के आखिरी सप्ताह में प्रधानमंत्री गरीब कल्याण पैकेज की घोषणा की थी। इसमें पीडीएस कार्ड होल्डर्स को निशुल्क अनाज और दाल देने की घोषणा की गई थी। साथ ही महिला जनधन खाताधारकों, गरीब बुजुर्गों एवं दिव्यांगों को सीधी मदद भेजने का एलान किया गया था।
पहले दिन की घोषणाएं
- MSMEs और बिजनेसेज के लिए इमरजेंसी वर्किंग कैपिटल – 3,00,000 करोड़ रुपये
- दबाव का सामना कर रहीं MSMEs के लिए सब-ऑर्डिनेट डेब्ट- 20,000 करोड़ रुपये
- MSME के लिए फंड ऑफ फंड्स – 50,000 करोड़ रुपये
- बिजनेस और कंर्मचारियों को EPF अंशदान के जरिए मदद – 2,800 करोड़ रुपये
- EPF रेट में कमी – 6,750 करोड़ रुपये
- NBFC/ HFC/ MFI के लिए विशेष लिक्विडिटी स्कीम – 30,000 करोड़ रुपये
- NBFCs/ MFIs की लायबलिटी के लिए पार्शियल क्रेडिट गारंटी स्कीम 2.0 – 45,000 करोड़ रुपये
- विद्युत वितरण कंपनियों में पूंजी डालेगी सरकार – 90,000 करोड़ रुपये
- TDS/TCS दर में कमी – 50,000 करोड़ रुपये
दूसरे दिन की घोषणाएं
- प्रवासी मजदूरों के लिए दो माह तक निशुल्क अनाज की आपूर्ति – 3,500 करोड़ रुपये
- मुद्रा शिशु लोन के लिए इंटेस्ट सब्वेंशन – 1,500 करोड़ रुपये
- स्ट्रीट वेंडर्स के लिए विशेष ऋण सुविधा – 5,000 करोड़ रुपये
- हाउसिंग CLSS-MIG – 70,000 करोड़ रुपये
- नाबार्ड के जरिए अतिरिक्त इमरजेंसी वर्किंग कैपिटल की व्यवस्था – 30,000 करोड़ रुपये
- KCC के जरिए अतिरिक्त कर्ज की सुविधा – 2,00,000 करोड़ रुपये
तीसरे दिन की घोषणाएं
- फूड माइक्रो एंटरप्राइजेज – 10,000 करोड़ रुपये
- प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना – 20,000 करोड़ रुपये
- टॉप टू टोटलः ऑपरेशन ग्रीन्स – 5,00 करोड़ रुपये
- एग्री इन्फ्रास्ट्रक्चर फंड – 1,00,000 करोड़ रुपये
- पशुपालन से जुड़े बुनियादी ढांचे के विकास के लिए – 15,000 करोड़ रुपये
- हर्बल कल्टिवेशन के प्रोत्साहन के लिए – 4,000 करोड़ रुपये
- मधुमक्खी पालन के लिए – 5,00 करोड़ रुपये
चौथे और पांचवें दिन की घोषणाएं
- वायबलिटी गैप फंडिंग – 8,100 करोड़ रुपये
- मनरेगा के लिए अतिरिक्त आवंटन – 40,000 करोड़ रुपये
इनके अलावा RBI की ओर से किए गए उपायों से कुल 08,01,603 करोड़ रुपये की नकदी सिस्टम में आई है। इस तरह सरकार का यह कुल राहत पैकेज 20,97,053 करोड़ रुपये का है।