प्रणब मुखर्जी की राष्ट्रपति पद से विदाई , समारोह में याद आया संसद का पहला दिन

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विदाई समारोह में प्रणब मुखर्जी हाथ जोड़कर विदा होते हुए।

नई दिल्ली । निवर्तमान राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी अब सोमवार से पूर्व राष्ट्रपति हो जाएंगे। ससंद भवन में रविवार को प्रणब मुखर्जी का विदाई समारोह संपन्न हो गया। प्रणब मुखर्जी ने बीते पांच साल में पक्ष और विपक्ष की सीमाओं से भी बढ़कर काम किया। जिस शान से यूपीए सरकार के दौरान प्रणब दा राष्ट्रपति चुने गए थे उसी शान से एनडीए सरकार में उनकी विदाई भी हुई।

प्रणब दा ने राष्ट्रपति के तौर पर अपने आखिरी संबोधन में कहा, यदि मैं कहूं कि मैंने इस संसद का निर्माण किया है तो मेरे साथ शालीनतापूर्ण व्यवहार नहीं किया जाएगा। मुखर्जी ने कहा कि मैंने अपने जीवन में बहुत कुछ सीखा है। मेरे करियर को इंदिरा गांधी ने दिशा दी। मुझे इस लोकतंत्र के मंदिर ने तैयार किया है। देश की एकता संविधान का आधार है।

उन्होंने कहा कि देश में जीएसटी बिल का पास होना परिपक्व लोकतंत्र की निशानी है। संसद में बिना बहस के पास हुआ बिल जनता के साथ धोखा है। संसद में व्यवधान सरकार से ज्यादा विपक्ष के लिए नुकसानदायक है।

शानदार कार्यक्रम के लिए उन्होंने सभी काे शुक्रिया कहा। इस अवसर पर लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन ने प्रणब मुखर्जी को एक पुस्तक भेंट की जिसमें कि उनके द्वारा राष्ट्रापति को दिए गए भाषण का संकलन है जिस पर सांसदों के हस्तांक्षर किए गए हैं।

विदाई समारोह में बोले उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी
राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के विदाई समारोह सम्मान में उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी ने उनकी तारीफ करते हुए कहा कि प्रणब दा विश्व के सर्वश्रेष्ठ विदेश मंत्री रहे और पद्म विभूषण का सम्मान भी प्राप्त किया।