जयपुर। राजस्थान में आने वाले जनवरी फरवरी में होने वाले पंचायत चुनाव की खर्च सीमा दोगुनी तक बढ़ा दी गई है। अब पंचायत के सरपंच का चुनाव लड़ने वाले प्रत्याशी भी 50 हजार तक खर्च कर सकेंगे। हालांकि वाहन, लाउड स्पीकर, पोस्टर, बैनर आदि के उपयोग पर कई तरह के प्रतिबंध लगाए गए हैंं। चुनाव के लिए 15 दिसम्बर तक आचार संहिता लगने की सम्भावना है।
राजस्थान में निकाय चुनाव की समाप्ति के बाद अब राजस्थान राज्य निर्वाचन आयोग पंचायत चुनाव की तैयारी में लग गया है। इसी के तहत हर रोज नए निर्देश जारी किए जा रहे हैंं। आयोग ने पंचायत से लेकर जिला परिषद तक के चुनाव में चुनाव लड़ने की खर्च सीमा बढ़ा दी है। राजस्थान में जिला परिषद सदस्य, पंचायत समिति सदस्य और सरपंच के चुनाव के लिए खर्च सीमा निर्धारित की जाती है। इस खर्च सीमा में 2014 के चुनाव के मुकाबले दोगुने तकी बढोतरी की गई है।
2014 में जिला परिषद सदस्य के लिए खर्च सीमा 80 हजार रुपए थी, जिसे बढ़ाकर डेढ़ लाख रुपए कर दिया गया है, वहीं पंचायत समिति सदस्य के लिए 40 हजार खर्च निर्धारित था, जिसे बढ़ाकर 75 हजार रुपए कर दिया गया है। इसी तरह सरपंच पद के लिए पिछले चुनाव में 20 हजार रुपए की खर्च सीमा निर्धारित की गई थी, इसे बढा कर इस बार 50 हजार रूपए कर दिया गया है।
प्रत्याशियों को परिणाम की घोषणा के 15 दिन के भीतर अपने खर्च की जानकारी सम्बन्धित जिला निर्वाचन अधिकारी को देनी होगी। चुनाव खर्च में गड़बड़ी की शिकायत भी की जा सकेगी और तहसीलदार स्तर के अधिकारी से इसकी जांच कराई जाएगी।
पहली बार पंचायत चुनाव ईवीएम से होगा
इस बार राजस्थान में पहली बार सभी पंचायतों में ईवीएाम से चुनाव कराने की तैयारी की जा रही है। सरकार ने चुनाव में ईवीएम लाने के लिए 15 करोड़ रुपये का बजट जारी कर दिया है। अब राज्य चुनाव आयोग जल्द ही भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड से ईवीएम मशीनें लेगा। राजस्थान में पिछली बार पंचायत चुनाव ईवीएम से कराए गए थे, लेकिन उस समय भी सभी जिलों में ईवीएम का इस्तेमाल नहीं किया गया था।