नवकारमय जीवन ही सार्थक : आर्यिका सौम्यनन्दिनी

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कोटा। नवकार मन्त्र का जप करने मात्र से दुख भी सुख में परिणित हो जाता है। नवकार मंत्र के स्मरण, चिंतन, मनन और उच्चारण से ही प्राणी जन्म-जन्मांतरों के पापों से मुक्त होकर शाश्वत सुख में निवास करने लगता है। नमस्कार महामंत्र माता-पिता, स्वामी, गुरु, नैत्र, वैद्य, मित्र, प्राणरक्षक, बुद्धि, दीपक, शांति, पुष्टि और महाज्योति है।

यह बात दिगंबर जैन मन्दिर महावीर नगर विस्तार योजना में चातुर्मास कर रहीं आर्यिका सौम्यनन्दिनी माताजी ने मंगलवार को प्रवचन करते हुए कही। उनके साथ आर्यिका सुयोग्यनन्दिनी तथा आर्यिका वीरनन्दिनी माताजी भी थीं।

सौम्यनन्दिनी माताजी ने प्रवचन में कहा कि जिस प्रकार अंगूठी में नग होता है तो ही उसकी शोभा बनी रहती है। इसी प्रकार नवकार का नग जिस इंसान में होगा तो उसका जीवन आनन्द और सुख के गुणों से शोभायमान हो जाएगा। मंत्राधिराज नवकार को जीवन का मन्त्र बना लेने से यह साथ रहेगा तो कभी विपदा नहीं आएगी।

निर्जीव को जीवन्त करने की ताकत जैसे संजीवनी बूटी में होती है, वैसे ही मानव जीवन को आलोकित करने का सामथ्र्य नवकार में होता है। नवकार आराधना का प्रसंग तभी सार्थक होगा, जब जीवन नवकारमय रहेगा। जिनेन्द्र भगवान का दर्शन करने से जीव का कल्याण होता है। यह मंत्र तीव्र गति से कर्माें का नाश करता है। इसका जप करने से नकारात्मक र्शिक्तयों का दमन कर सकता है।

उन्होंने कहा कि नमस्कार महामंत्र में जिन परमेष्ठी भगवंतों की आराधना की जाती है। उनमें तप, त्याग, संयम, वैराग्य आदि सात्विक गुण होते हैं। अरिहन्त, सिद्ध, आचार्य, उपाध्याय और साधु, ये पांच परम इष्ट हैं। इनको नमन करना नवकार मंत्र है। मंत्र अपने आप में रहस्य होता है, किंतु नवकार महामंत्र तो परम रहस्य है। माताजी ने कहा कि णमोकार महामंत्र पापों का नाश करने वाला है। णमोकार मंत्र के समान कोई दूसरा मंत्र नहीं है और सम्मेदशिखर के समान कोई दूसरी यात्रा नहीं है।

इस अवसर पर भागचन्द जैन, अरूण कुमार जैन, सारांश कुमार जैन ने चित्र अनावरण, दीप प्रज्ज्वलन, शास्त्र भेंट किया। पारस जैन पारसमणि के द्वारा मंगलाचरण किया। पवन ठोला, पारस जैन समेत कईं लोग मौजूद रहे।

अध्यक्ष नवीन दोराया ने बताया कि बुधवार को कल्याण मंदिर विधान का आयोजन किया जाएगा। इसके लिए पुण्यार्जक परिवार भागचन्द जैन, अरूण कुमार मित्तल, सारांश कुमार जैन प्रातः 7 बजे अभिषेक एवं शांतिधारा की जाएगी। वहीं प्रातः 7.30 बजे विधान प्रारंभ होगा।