राजस्थान में कोचिंग संस्थानों पर नियंत्रण के लिए कानून बनाएंगे: शिक्षा मंत्री

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जयपुर। विधानसभा में कोचिंग संस्थानों पर नियंत्रण का मामला उठा। सांगानेर विधायक अशोक लाहोटी ने कोचिंग स्टूडेंट्स में तनाव, इमोशनल प्रेशर, क्लासरूम में स्टूडेंट्स की अधिक संख्या और फीस आदि की बात रखी। इस पर शिक्षा राज्यमंत्री गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा कि कोचिंग इंस्टीट्यूट बंद कर देना संभव नहीं है।

ऐसा हुआ तो किसान का बेटा कभी भी डॉक्टर व इंजीनियर नहीं बन पाएगा। सरकार कोचिंग को नियंत्रित करने के लिए कानून बनाएगी। अब तक कोचिंग को लेकर मात्र दिशा-निर्देश ही जारी हुए हैं। सरकार ने एक कमेटी भी बनाई है। इस कमेटी में शिक्षाविद्, मनोचिकित्सक, कोचिंग संस्थानों के प्रतिनिधि व चाइल्ड राइट एक्टिविस्ट भी शामिल होने चाहिए।

लाहोटी ने कोचिंग से जुड़ी टाटा मेमोरियल की स्टडी का हवाला देते हुए कहा कि स्टूडेंट कोचिंग में इमोशनल प्रेशर व दबाव झेल रहे हैं। अप्रिय घटनाएं भी सामने आई है। कोचिंग संस्थान एक से डेढ़ लाख रुपए की फीस ले रही है। लाहोटी ने इस फीस काे 20 से 25 हजार रुपए तक करने की बात रखी। इस प्रकार लाहोटी ने फर्जी अटेंडेंस का मुद्‌दा भी उठाया।

उनका कहना था कि पहले स्टूडेंट्स कोचिंग की फीस देते हैं और इसके बाद स्कूल की फीस देनी पड़ती है। क्लासरूम में छात्रों की संख्या अधिक है। कोचिंग 11वीं व 12वीं के बाद दिलाए जाए। सरकार का नियंत्रण हो और सरकार की एनओसी के बाद ही कोचिंग संस्थान संचालित किए जाएं। शिक्षा राज्यमंत्री डोटासरा का कहना है कि कोचिंग संस्थान की वजह से किसान व गरीब का बच्चा डॉक्टर व इंजीनियर बन रहा है।

फर्जी अटेंडेंस की बात है तो शिक्षा विभाग इस ओर कदम उठाएगा। फीस ज्यादा लेते हैं और नियमों की पालना नहीं करते हैं तो कानून बनाने के लिए सरकार गंभीरता से विचार कर रही है। सरकारी कार्रवाई करेगी कि कोचिंग संस्थान अपने हिसाब से चलें, कानून से चलें, राज्य सरकार के नियमों से चलें। बच्चों पर किसी भी प्रकार का दबाव नहीं होना चाहिए।